ADVERTISEMENTREMOVE AD

मोदी सरकार ने ''रघुपति राघव राजा राम'' भजन से 'अल्लाह' शब्द हटाकर नहीं बजाया

राजघाट पहुंचे राष्ट्राध्यक्षों के असली वीडियो में ''ईश्वर अल्लाह तेरो नाम'' लाइन सुनी जा सकती है

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

सोशल मीडिया पर G20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ राजघाट पहुंचे राष्ट्राध्यक्षों का एक वीडियो वायरल है, बैकग्राउंड में 'रघुपति राघव राजा राम' भजन बज रहा है.

दावा है कि राष्ट्राध्यक्षों के राजघाट पर हुए दौरे पर जो भजन बजा, उससे 'अल्लाह' शब्द हटा दिया गया है. वायरल क्लिप में जो भजन है, उसमें भजन की लाइन 'ईश्वर अल्लाह तेरो नाम' की जगह ''बंसीवाला ये घनश्याम, धनुषधारी सीताराम'' जोड़ी गई है. वीडियो शेयर करते हुए कुछ यूजर पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं, कि उन्होंने भजन से अल्लाह शब्द हटवा दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

खुद को बीजेपी इंफ्लूएंसर बताने वाली X ब्लू सब्सक्राइबर शालिनी ने वीडियो इसी दावे से शेयर किया. फेसबुक और ट्विटर पर ये वीडियो बड़े पैमाने पर इस दावे के साथ वायरल हो चुका है.

यही दावा करते अन्य पोस्ट्स के अर्काइव यहां और यहां देखें.

सच क्या है ? : वायरल वीडियो में एडिट कर दूसरा ऑडियो जोड़ा गया है. ये सच है कि G20 समिट में शामिल हुए राष्ट्राध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री मोदी राजघाट पहुंचे थे. इस दौरे के 8 मिनट के वीडियो के अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर इसमें ऑडियो जोड़ा गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

असली वीडियो में कौनसा भजन है ? : narendramodi.in पर हमें 10 सितंबर 2023 का वो पूरा वीडियो मिला, जिसमें पीएम मोदी को राष्टाध्यक्षों के साथ राजघाट पर देखा जा सकता है. वायरल क्लिप इसी वीडियो के अलग-अलग हिस्सों से बना है.

  • वीडियो की शुरुआत में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ''वैष्णव जन तो तेने कहिए'' बजता है.

  • 5:34 मिनट पर सभी राष्ट्राध्यक्ष मौन धारण करते हैं.

  • 6:37 मिनट पर दूसरा भजन ''रघुपति राघव राजा राम'' शुरू होता है. और सभी राष्ट्राध्यक्ष वापस लौटने लगते हैं. भजन चलता रहता है.

  • इसी भजन को लेकर दावा है कि यहां से 'अल्लाह' शब्द हटा दिया गया.

  • लेकिन, 7:40 मिनट पर ये लाइन सुनी जा सकती है ''ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान''

ADVERTISEMENTREMOVE AD

G20 समिट : ये बीस देशों का समूह है जो आर्थिक मुद्दों के साथ साथ बाकी मुद्दों पर भी फोकस करता है. G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी. हर साल बारी-बारी से प्रत्येक सदस्य देश को अपने देश में समिट आयोजित करने का मौका मिलता है. साल 2023 में ये मौका भारत को मिला.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा गलत है कि मोदी सरकार ने G20 समिट में ''रघुपति राघव राजा राम'' भजन से अल्लाह शब्द हटाकर बजाया.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×