सोशल मीडिया पर न्यूज स्टोरी वाली एक फोटो वायरल हो रही है. इसकी हेडलाइन में लिखा है ''Muslim BTS fan accidentally plays the song 'Dynamite' instead of Azaan on loudspeakers at 4 am; gets arrested'
(अनुवाद- BTS के मुस्लिम फैन ने गलती से सुबह 4 बजे लाउडस्पीकर पर अज़ान के बजाय चलाया 'डायनामाइट'; किया गया गिरफ्तार).
इस स्टोरी में बताया गया है कि 21 साल के आकिब अली ने गलती से अपने फोन को शाही अटाला मस्जिद के स्पीकर से कनेक्ट कर दिया. और इसके लिए उस पर 3000 का फाइन लगाया गया है.
हमने पाया कि ये फोटो Realinshots नाम के एक सटायर इंस्टाग्राम पेज की है. जिसे न्यूज एग्रीगेटर InShorts के नाम पर शेयर किया गया है. पेज के डिस्क्रिप्शन में साफ-साफ लिखा है कि उनके पेज पर कोई भी खबर सच नहीं है.
दावा
स्टोरी के मुताबिक, यूपी के जौनपुर में आकिब अली नाम के एक 21 साल के लड़के को, मस्जिद के लाउडस्पीकर पर गलती से कोरियाई बैंड BTS का म्यूजिक बजाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
स्टोरी में लिखा गया है कि अली ने अल्लाह से अपनी गलती के लिए माफी मांगी है. अली को कोट करके आगे ये भी बताया गया है कि 3000 रुपये के जु्र्माने के बाद अली को छोड़ दिया गया.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने 'Muslim BTS Fan Jaunpur' कीवर्ड से सर्च करके देखा. हमें ऐसी किसी घटना से जुड़ी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. हालांकि, हमें फेसबुक पर कई पोस्ट मिलीं. इन पोस्ट में फोटो के दाईं और सबसे ऊपर कोने में एक लोगो दिखा. लोगो में 'REAL inshots' लिखा हुआ है.
हमने लोगो पर लिखे नाम को सर्च किया. हमें 'Real Inshots' नाम का एक इंस्टाग्राम अकाउंट मिला. इस पेज के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि ये भारत का ''सबसे काल्पनिक न्यूज सोर्स'' है. साथ में ये भी लिखा है कि इसमें मौजूद कोई भी कंटेंट सच नहीं है.
इस पेज पर हमें 28 जून 2021 को पब्लिश यही पोस्ट मिली.
इसके बाद ही इस अकाउंट ने स्पष्ट किया है कि ये घटना वास्तविक नहीं है. अकाउंट ने दो इंस्टाग्राम स्टोरीज डालकर बताया कि अगर कोई उनके पोस्ट को किसी दूसरे तरीके से पेश करता है तो वो उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेते हैं. अकाउंट ने धार्मिक भावना आहत करने और मस्जिदों में सुबह की अज़ान के बारे में धारणा बनाने के लिए माफी भी मांगी है.
हमने जौनपुर में स्थित शाही अटाला मस्जिद को भी देखा और पाया कि ये वो मस्जिद नहीं है जिसे दावे के साथ फोटो में इस्तेमाल किया गया है.
मतलब साफ है कि न्यूज आर्टिकल में जिस घटना के बारे में बात की गई है, वो सच नहीं है. न तो आर्टिकल सच है और न ही किसी BTS फैन ने मस्जिद में अजान के बजाय गाना चलाया. इसे एक सटायर इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया गया था. जिस पेज ने अपने डिस्क्रिप्शन में खुद बताया है कि यहां उपलब्ध कंटेट सच नहीं है.
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