मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक शख्स को पीटते कुछ लोग दिख रहे हैं. दावा किया गया कि एक मुस्लिम दुकानदार दुकान पर रिचार्ज कराने आई एक नाबालिग हिंदू लड़की से रेप कर रहा था.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये घटना हाल की नहीं, बल्कि 2021 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान की है. तब एक दुकानदार और एक महिला को कथित रूप से आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया था.
पुलिस के मुताबिक, लड़का और लड़की दोनों बालिग थे और लड़की ने दुकानदार पर किसी भी तरह का आरोप नहीं लगाया था. इसके अलावा, लड़की ने संदिग्ध अवस्था में पाए जाने से जुड़े आरोपों को भी गलत बताया था.
दावा
वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे टेक्स्ट में लिखा गया है, ''बन्द शटर से बच्ची के रोने की आवाज़ सुन कर लोगो ने पुलिस बुलाकर जब शटर खोला तो 11 साल की बच्ची से रेप कर रहा था सुएब नाम का जिहादी घटना जबलपुर की है हिन्दू लड़कियो को मुल्लो की दुकानों पर न तो रिचार्ज कूपन लेने भेजे न ही रिचार्ज करवाने हिंदु लड़कियो को''
(नोट: वीडियो आपत्तिजनक है, इसलिए हमने वीडियो से जुड़े किसी भी लिंक का इस्तेमाल नहीं किया है.)
वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ कई यूजर्स ने शेयर किया है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने सोशल मीडिया पर घटना से जुड़े कीवर्ड इस्तेमाल कर सर्च किया. हमने पाया कि ये वीडियो फेसबुक और ट्विटर दोनों प्लेटफॉर्म्स पर 2021 में भी इसी दावे से शेयर किया गया था.
स्पष्ट है कि ये वीडियो हाल की किसी घटना को नहीं दिखाता, क्योंकि वीडियो एक साल पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है.
दावे में घटना जबलपुर की बताई जा रही है, इसलिए हमने संबंधित घटना से जुड़े कीवर्ड इस्तेमाल कर गूगल पर सर्च किया. हमें 17 मई 2021 को Navbharat Times पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में वीडियो के स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किए गए थे.
स्टोरी के मुताबिक, ये घटना जबलपुर के गोहलपुर थाना क्षेत्र स्थित मालगुजार परिसर की है, जहां कोरोना लॉकडाउन के दौरान सभी दुकानें बंद थीं. सिर्फ एक मोबाइल शॉप खुली थी, जिसमें दुकान का मालिक और एक युवती आपत्तिजनक हालत में पाए गए थे.
हिंदुत्व संगठन के लोगों ने युवक की पिटाई की. स्टोरी में गोहलपुर थाना प्रभारी आरके गौतम के हवाले से बताया गया था कि धारा 188 के तहत दुकान मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. धारा 188 तब लगती है जब लॉकडाउन की स्थिति में कोई उल्लंघन करता पाया जाता है.
स्टोरी में आगे ये भी बताया गया है कि पुलिस के मुताबिक, लड़की ने कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं कराया है और उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को भी खारिज किया है.
घटना से जुड़ी हमें और भी रिपोर्ट्स मिलीं. जिनमें ऊपर बताई गई जानकारी दी गई थी.
घटना से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट सर्च करने पर हमें 17 मई 2021 का MP Tak के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर घटना से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट मिली.
वीडियो के 1 मिनट के बाद लड़की को बोलते सुना जा सकता है - 'मैं दुकान में रिचार्ज कराने आई थी. जैसा बोला जा रहा है वैसा कुछ भी नहीं हुआ है. मैं लड़के के ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं करना चाहती.'
वीडियो के 1 मिनट 38वें सेकंड पर थाना प्रभारी रवींद्र कुमार की बाइट का भी इस्तेमाल किया गया है. वीडियो में उन्हें ये कहते सुना जा सकता है.
वायरल वीडियो में जो लड़का-लड़की हैं, वो दोनों अलग-अलग समाज से हैं. लड़की हिंदू हैं और लड़का मुस्लिम. सूचना के मुताबिक, लड़की दुकान पर मोबाइल रिचार्ज कराने गई थी. लोगों का कहना है कि लड़की संदिग्ध अवस्था में पाई गई थी. लेकिन, जब वहां पुलिस पहुंची तो ऐसी कोई परिस्थितियां नहीं पाई गई थीं. लड़की बालिग थी और उसने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई. इसलिए अपराध थाने मे रजिस्टर नहीं किया गया.
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान धारा 144 लागू थी, जिसका उल्लंघन करने पर हमने दुकानदार के खिलाफ धारा 188 और आपदा प्रबंधन की धारा 51 भी लगाई है. धारा 269, धारा 270 (संक्रमित व्यक्ति द्वारा संक्रामक रोग फैलाने पर लगने वाली धारा) भी लगाई गई है.
हमें मामले से जुड़ी FIR की एक कॉपी भी मिली, जिसके मुताबिक 16 मई 2021 को दुकानदार के खिलाफ धारा 188, 269, 270 और 51 के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, इस FIR कॉपी में नाबालिग हिंदू लड़की के रेप से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
हमने स्थानीय पत्रकार वाजिद खान से संपर्क किया, जिन्होंने वायरल दावे को गलत बताया और कहा कि कथित तौर पर आपत्तिजनक स्थिति में मिलने से जुड़ी बात का कोई प्रमाण नहीं है. वाजिद ने बताया:
इस घटना को मैंने कवर भी किया था. लड़की और लड़का दोनों बालिग थे और लड़की ने लड़के पर कोई आरोप नहीं लगाया था.
मतलब साफ है, एक साल पुराना वीडियो हाल का बता इस गलत दावे से शेयर किया गया कि एक मुस्लिम युवक ने नाबालिग हिंदू लड़की का रेप किया. घटना में शामिल युवक और युवती दोनों ही बालिग हैं.
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