सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र चुनावों (Maharashtra Elections) के बीच महा विकास आघाड़ी (MVA) को लेकर कुछ भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इन्हें न्यूज चैनल आजतक की खबर बताकर शेयर किया जा रहा है.
क्या है दावा: पोस्ट में दावा किया गया है कि मुस्लिम वोटों के बदले जमीयत-उलेमा-हिंद और रजा अकेडमी ने अपनी पांच शर्तें उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मनवा ली हैं.
वायरल वडियो में क्या है ? वायरल वीडियो में सुना जा सकता है कि जमीयत-उलेमा-हिंद और रजा अकेडमी ने यह पांच शर्त रखी हैं.
किसी मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए.
नवगठित मंत्रिमंडल में 25 प्रतिशत मंत्री मुस्लिम होने चाहिए.
महा विकास आघाड़ी वक्फ बोर्ड के खिलाफ भाजपा सरकार की कतिथ साजिश पर स्पष्ट रुख अपनाए.
सरकार को महाराष्ट्र में उर्दू स्कूलों और मदरसों को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए.
मुस्लिम समुदाय को आरक्षण दिया जाए.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो असली नहीं है बल्कि एडिटेड है.
जमीयत उलेमा हिंद या रजा एकेडमी ने वायरल वीडियो में बतायी गयीं शर्ते नहीं रखी हैं.
आजतक के एक पुराने वीडियो से छेड़छाड़ कर वायरल वीडियो एडिट की गई है.
आजतक की असल क्लिप हालिया नहीं बल्कि 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल क्लिप पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में वायरल क्लिप में इस्तेमाल उद्धव ठाकरे का असली वीडियो मिला.
उद्धव ठाकरे का यह वीडियो साल 2019 का है जब वह अपनी पत्नी के साथ महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे थे.
हमें यही वीडियो न्यूज एजेंसी ANI के Youtube चैनल पर मिला, जिसे 27 नवंबर 2019 को अपलोड किया गया था.
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि नीचे दिखाई जा रही खबरें 2020 की हैं. यहां खबर चल रही है कि पीएम मोदी ने BHU में 430 बेड वाले अस्पताल का उद्घाटन साल 2020 में किया गया. वह खबर आप यहां पढ़ सकते हैं.
रजा अकेडमी और जमीयत-उलेमा-हिंद ने हमें क्या बताया ? वायरल दावों की पुष्टि के लिए हमने जमीयत-उलेमा-हिंद के मीडिया कॉर्डिनेटर अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी और रजा अकेडमी के मौलाना नूरी मुस्तफा रजा से भी बात की.
अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी और मौलाना नूरी मुस्तफा रजा ने वायरल वडियो में बताए जा रहे दावों को फर्जी बताया. अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि,
"यह वीडियो फेक है. वायरल वीडियो में जमीयत-उलेमा-हिंद के फ़तवा जारी करने की बात कही गई है, लेकिन हम किसी भी तरह का फतवा जारी नहीं करते हैं. किसी तरह की कोई शर्त भी नहीं रखी गई है. "अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी
निष्कर्ष: आजतक का एडिटेड वीडियो महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े भ्रामक और सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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