सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है देश में कोरोना वायरस लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए कुछ मुस्लिमों ने दिल्ली में एक सड़क किनारे नमाज अदा की. हालांकि, क्विंट ने पाया कि ये वीडियो लॉकडाउन के पहले का है और इसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
दावा
ये वीडियो एक कार के अंदर से बनाया गया है, जिसमें एक शख्स कहता है कि ये दिल्ली के पतपड़गंज में हो रहा है. शख्स सवाल उठाता है कि क्या ये लॉकडाउन का उल्लंन नहीं है और इसे रोका जाना चाहिए. वो ये पूछता है कि क्या इन लोगों में कोरोना वायरस का डर नहीं है.
वीडियो के साथ शेयर हो रहे मैसेज में लिखा है, "यह हालात दिल्ली के पटपरगंज रोड पर जो मस्जिद बनी हुई है, सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है, केजरीवाल बोल रहा है आप हमें सुझाव दो, हमें क्या करनी चाहिए, शर्म आनी चाहिए ऐसी सरकार को!"
इस मैसेज का साथ ये वीडियो फेसबुक पर वायरल हो रहा है.
ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस दावे के साथ वीडियो को शेयर किया.
हमें जांच में क्या मिला?
Invid के जरिए वीडियो पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमने पाया कि इसका एक छोटा वर्जन ट्विटर पर 23 मार्च को अपलोड किया गया था.
इससे ये साफ हो गया कि ये वीडियो अभी का नहीं, बल्कि 24 मार्च के पहले का है, यानी भारत में लॉकडाउन लागू होने से पहले का. देश में 25 मार्च (24 मार्च की आधी रात) से लॉकडाउन लागू किया गया था.
फेसबुक पर 'दिल्ली नमाज कानून' कीवर्ड्स से वीडियो सर्च करने पर, हमें इस वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला, जिसे Arjun Kr. Singh नाम के यूजर ने 21 मार्च को पोस्ट किया था.
इसे लंबे वर्जन में, किसी को कहा सुना जा सकता है कि ये वीडियो 20 मार्च का है. वीडियो को 21 मार्च को अपलोड किया गया. इससे साफ होता है कि नमाज लॉकडाउन से पहले अदा की गई थी और ये वीडियो हाल फिलहाल का नहीं है.
हम ये भी कंफर्म कर पाए कि ये वीडियो दिल्ली का ही है, जैसा स्पीकर कहता है, क्योंकि वीडियो में दिल्ली पुलिस के बैरीकेड देखे जा सकते हैं.
इससे ये साफ होता है कि एक पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
आप हमारी सभी फैक्ट-चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)