ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रज्ञा ठाकुर ने किया संविधान पर नेहरू के हस्ताक्षर से जुड़ा भ्रामक दावा

पंडित नेहरू ने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के आमंत्रित किए जाने के बाद ही संविधान पर हस्ताक्षर किए थे

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल से सांसद और बीजेपी नेता प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि जब भारत का संविधान बना, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को नजरअंदाज करते हुए जल्दबाजी में संविधान पर पहले हस्ताक्षर कर दिए. फिर बाद में राजेंद्र प्रसाद के लिए हस्ताक्षर करने की जगह ही नहीं बची और उन्होंने जैसे -तैसे नेहरू के बाद हस्ताक्षर किए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

प्रज्ञा ठाकुर ने क्या कहा ? : 15 सितंबर 2023 को आज तक के यूट्यूब चैनल पर प्रज्ञा ठाकुर का इंटरव्यू पब्लिश किया गया, ये इंटरव्यू एंकर श्वेता सिंह ने लिया. प्रज्ञा कहती हैं ''इतनी लालसा थी जवाहरलाल नेहरू को कि हम कितनी जल्दी हस्ताक्षर कर दें. जब संविधान बना तो हस्ताक्षर होने लगे, तो पहले राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते हैं. लेकिन उन्होंने (नेहरू ने) सबसे पहले अपने हस्ताक्षर कर दिए जगह ही नहीं बची. राष्ट्रपति को बाद में साइड में हस्ताक्षर कराए गए बाद में. [sic]''

0

प्रज्ञा ठाकुर आगे कहती हैं ''आप सोचिए जिस व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का भान नहीं कि हस्ताक्षर कहां करने चाहिए. उस व्यक्ति ने राष्ट्रपति के पहले हस्ताक्षर कर दिए, लेकिन हमारे विनम्र तत्कालीन राष्ट्रपति ने साइड में हस्ताक्षर किए, थोड़े नीचे किए. और ये हमारे लिए बड़ी शर्म की बात है.'' इंटरव्यू में 31:45 मिनट बाद प्रज्ञा ठाकुर को ये दावा करते हुए सुना जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या ये दावा सच है ? : नहीं, प्रज्ञा ठाकुर का दावा तथ्यों की कसौटी पर खरा नहीं उतरता. ये सच है कि भारत के संविधान पर पहले हस्ताक्षर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किए. लेकिन, ये मामला वैसा नहीं था जैसा प्रज्ञा ने दावा किया है. नेहरू ने इस दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को नजरअंदाज करते हुए हस्ताक्षर नहीं किए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
  • बल्कि राष्ट्रपति ने ही खुद हस्ताक्षर करने से पहले संविधान सभा के सदस्यों को हस्ताक्षर के लिए आमंत्रित किया था. चूंकि नेहरू प्रधानमंत्री थे इसलिए उन्हें सदस्यों में सबसे पहले आमंत्रित किया गया.

  • प्रज्ञा ठाकुर का कहना है कि राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को जगह ना मिलने पर नीचे हस्ताक्षर करने पड़े, ये भी सच नहीं. संविधान की ओरिजनल कॉपी में देखा जा सकता है कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर सबसे ऊपर हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : सबसे पहले हमने संविधान की वह पहली मूल प्रति सर्च करनी शुरू की, जिसमें संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हुए थे. भारत सरकार की वेबसाइट amritmahotsav.in पर हमें ये प्रति मिली. यहां देखा जा सकता है कि तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के हस्ताक्षर नेहरू और बाकी सदस्यों के हस्ताक्षरों के ऊपर हैं.

पंडित नेहरू ने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के आमंत्रित किए जाने के बाद ही संविधान पर हस्ताक्षर किए थे

राजेंद्र प्रसाद के हस्ताक्षर बाकी सदस्यों के ऊपर हैं

फोटो :amritmahotsav.nic.in

यहां प्रज्ञा ठाकुर का ये दावा तो गलत साबित होता है कि तत्कालीन राष्ट्रपति को हस्ताक्षर नेहरू के हस्ताक्षर के नीचे बगल में करने पड़े. पर एक सवाल फिर भी सामने था, कि क्या वाकई नेहरू ने जल्दबाजी में हस्ताक्षर राजेंद्र प्रसाद से पहले कर लिए और बाद में राजेंद्र प्रसाद को बची हुई जगह पर हस्ताक्षर करने पड़े ? इस दावे का सच पता लगाने के लिए हमने संविधान सभा की बहसों के रिकॉर्ड खंगालने शुरू किए. पर उससे पहले जान लीजिए कि संविधान सभा थी क्या?
ADVERTISEMENTREMOVE AD

संविधान सभा : 15 अगस्त 1947 को देश आजाद होने के बाद बारी थी देश का संविधान बनाने की. इसके लिए संविधान सभा का गठन किया गया. सभा के लिए जुलाई 1949 में चुनाव हुए थे. संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1949 को हुई. 24 जनवरी 1950 को सभा की आखिरी बैठक हुई, इसी दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ और सभी सदस्यों ने इसपर हस्ताक्षर किए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

संविधान सभा की आखिरी बैठक के रिकॉर्ड लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. यहां पर देश के पहले राष्ट्रपति के नाम की घोषणा से लेकर सभा में नए सदस्यों की नियुक्त तक, हर एक कार्यवाही के बारे में लिखा हुआ है. संविधान पर हस्ताक्षर को लेकर राष्ट्रपति ने क्या कहा था ? ये भी लिखा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

संविधान पर हस्ताक्षर को लेकर राष्ट्रपति ने कहा - ''अब केवल सदस्यों द्वारा संविधान की प्रति पर हस्ताक्षर करना ही रह गया है. तीन प्रतियां तैयार हैं. एक पूरी तरह से अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई है और कलाकारों द्वारा प्रकाशित है. दूसरी प्रति अंग्रेजी में छपी है. तीसरी प्रति भी हिन्दी में हाथ से लिखी गई है. तीनों प्रतियां मेज पर रखी गई हैं और सदस्यों से एक-एक करके आने और प्रतियों पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया जाएगा. उन्हें उसी क्रम में बुलाया जाए जिस क्रम में वे अभी सदन में बैठे हैं. लेकिन, माननीय प्रधान मंत्री को सार्वजनिक कर्तव्य पर जाना है, इसलिए मैं उनसे पहले इस पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध करूंगा.''

पंडित नेहरू ने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के आमंत्रित किए जाने के बाद ही संविधान पर हस्ताक्षर किए थे

राष्ट्रपति ने खुद नेहरू को पहले हस्ताक्षर करने के लिए आमंत्रित किया था

फोटो : Loksabhadebates

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इतिहासकार साकिब सलीम ने भी इस दावे को खारिज किया कि नेहरू ने खुद से जाकर राष्ट्रपति से पहले हस्ताक्षर कर दिए थे.

''जहां तक मेरी जानकारी है, इतिहास में या किसी रिपोर्ट में ऐसा जिक्र नहीं है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जल्दबाजी में संविधान पर राष्ट्रपति से पहले हस्ताक्षर कर दिए थे. संविधान सभा के रिकॉर्ड इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि नेहरू ने हस्ताक्षर राष्ट्रपति के आमंत्रण के बाद ही किए थे.''
साकिब सलीम, इतिहासकार
ADVERTISEMENTREMOVE AD
इस दावे को लेकर हमने सांसद और बीजेपी नेता प्रज्ञा ठाकुर से भी संपर्क किया. प्रज्ञा ठाकुर का जवाब आते ही इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

निष्कर्ष : मतलब साफ है, प्रज्ञा ठाकुर का ये दावा सच नहीं है कि नेहरू ने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को नजरअंदाज करके उनसे पहली ही संविधान पर हस्ताक्षर कर दिए. सच तो ये है कि खुद राष्ट्रपति ने नेहरू को पहले हस्ताक्षर करने के लिए आमंत्रित किया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×