सोशल मीडिया पर एक छोटे बच्चे का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में बच्चे के शरीर में लाल घाव और दरारें दिख रही हैं. कई यूजर्स इसे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शामली में पैदा हुए 'भयानक बच्चे' का वीडियो बता रहे हैं तो कुछ यूजर्स ने इसे कानपुर देहात (Kanpur Dehat) के अकबरपुर इलाके में पैदा हुआ बच्चा बता रहे हैं.
इस छोटी सी क्लिप में बच्चे के साथ-साथ एक ग्लव्स पहने हुए हाथ को भी देखा जा सकता है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बच्चा '50 इंजेक्शन लगाने' के बावजूद नहीं मरा.
हालांकि, हमने पाया कि वीडियो में जो बच्चा दिख रहा है उसे एक दुर्लभ आनुवांशिक विकार Harlequin Icthyosis ( हार्लेक्विन इक्थ्योसिस) है.
आयना क्लीनिक के चीफ डर्मटॉलजिस्ट डॉ. सिमल सोइन ने क्विंट से बताया कि हार्लेक्विन इक्थ्योसिस ''त्वचा की एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी'' है. इससे ''पूरे शरीर की त्वचा में भारी मोटाई'' हो जाती है. इस वजह से चेहरे की सामान्य विशेषताएं बिगड़ जाती हैं.
दावा
कई सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को अलग-अलग दावों के साथ शेयर कर रहे हैं. कुछ बच्चे को "दानव बच्चा" तो कुछ "एलियन" बता रहे हैं.
कुछ दावों में ये भी कहा गया है कि बच्चा एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुआ था और ''50 इंजेक्शन के बाद भी'' नहीं मरा.
(वीडियो की प्रकृति की वजह से स्टोरी में वीडियो से जुड़े किसी भी लिंक का इस्तेमाल नहीं किया गया है)
क्विंट की WhatsApp टिपलाइन पर भी वीडियो से जुड़ी क्वेरी आई हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
रूसी सर्च इंजन Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Wikimedia Commons पर एक बच्चे की ऐसी ही फोटो मिली. जिसमें बताया गया है कि फोटो में 'हार्लेक्विन-टाइप इक्थ्योसिस' दिखाया गया है.
हमने इस टर्म को कीवर्ड की तरह इस्तेमाल कर सर्च किया. हमें Down To Earth पर एक रिपोर्ट मिली. ये रिपोर्ट ओडिशा के बहरामपुर में इस तरह के मामले से जुड़ी थी.
आर्टिकल के मुताबिक, हार्लेक्विन इक्थ्योसिस "एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है''. इसकी वजह से बच्चों का जन्म ''लगभग पूरे शरीर पर मोटी त्वचा'' के साथ होता है.
हमें 2016 की Hindustan Times पर पब्लिश एक और रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में इस विकार के साथ महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे भारत के पहले बच्चे के बारे में बताया गया था. आर्टिकल के मुताबिक, ये विकार सभी अंगों के आकार को प्रभावित करता है जो ABCA12 नाम के प्रोटीन में जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से होता है. ये प्रोटीन कोशिकाओं में उस वसा को पहुंचाने में एक खास भूमिका निभाता है जिससे शरीर की सबसे बाहरी परत बनती है.
नागपुर मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट क्विंट ने भी छापी थी. इस नवजात की गहन देखभाल की जा रही थी, लेकिन दो दिन बाद ही बच्चे की मौत हो गई.
हमने AAYNA क्लीनिक के चीफ डर्मटोलॉजिस्ट डॉ. सिमल सोइन से संपर्क किया. उन्होंने इस कंडीशन की पुष्टि करते हुए बताया कि ये ''त्वचा की एक बहुत दुर्लभ आनुवांशिक स्थिति है जिससे पूरे शरीर की त्वचा बड़े पैमाने पर मोटी हो जाती है.''
मोटी त्वचा में सामान्य से 10 गुना ज्यादा वृद्धि होने की वजह से डिफेक्टिव केराटिनाइजेशन होता है. इससे चेहरे में खिंचाव होता है और वो विकृत हो जाता है. इसका कोई इलाज नहीं है. सिर्फ मैनेजमेंट ही एकमात्र तरीका है.डॉ. सिमल सोइन, AAYNA क्लीनिक में चीफ डर्मटोलॉजिस्ट
उन्होंने आगे बताया कि इसकी वजह से होने वाली मृत्यु दर में सुधार तो हुआ है, लेकिन ये ''अभी भी 50 प्रतिशत के आसपास है''.
हम स्वतंत्र रूप से वीडियो की लोकेशन का पता नहीं लगा सके, लेकिन Aaj Tak की रिपोर्ट के मुताबिक ये वीडियो मध्य प्रदेश के रतलाम का है.
मतलब साफ है, वायरल वीडियो में एक गंभीर त्वचा विकार 'हार्लेक्विन इक्थ्योसिस' से पीड़ित एक बच्चा दिख रहा है, जिसे इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये कोई ''दानव'' या ''एलियन'' बच्चा है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)