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भारतीय जमीन पर चीनी सेना के अतिक्रमण की पुरानी खबर हो रही शेयर

सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही 2013 का एक आर्टिकल शेयर किया जिसके बाद से कई लोग इसे हाल का बताकर शेयर करने लगे

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राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही Times of India के 27 अप्रैल 2013 का एक आर्टिकल बिना किसी संदर्भ के शेयर किया है. इस आर्टिकल का शीर्षक है, '‘Chinese troops 19km inside Indian territory, govt admits’ (सरकार ने माना कि भारतीय क्षेत्र के 19 किमी अंदर तक घुस आए चीनी सैनिक).

सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही 2013 का एक आर्टिकल शेयर किया जिसके बाद से कई लोग इसे हाल का बताकर शेयर करने लगे
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का ट्वीट
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस आर्टिकल को हाल का बताकर शेयर किया है. साथ ही दावा किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने झूठ बोला है कि फरवरी में पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील वाले इलाके में चीन के साथ पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान भूमि नहीं दी गई है.

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दावा

कई यजूर्स ने इस आर्टिकल को इस दावे से शेयर किया है कि पीएम मोदी ''गलत'' थे और सरकार ने ''आखिरकार मान लिया'' कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण किया था.

सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही 2013 का एक आर्टिकल शेयर किया जिसके बाद से कई लोग इसे हाल का बताकर शेयर करने लगे
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही 2013 का एक आर्टिकल शेयर किया जिसके बाद से कई लोग इसे हाल का बताकर शेयर करने लगे
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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

एक और यूजर ने इस आर्टिकल को शेयर कर हिंदी में लिखा है, “चीनी सेना भारत के अंदर 19 km तक घुसी. नन्दू चुनाव प्रचार में मस्त.’’

सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही 2013 का एक आर्टिकल शेयर किया जिसके बाद से कई लोग इसे हाल का बताकर शेयर करने लगे
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(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही 2013 का एक आर्टिकल शेयर किया जिसके बाद से कई लोग इसे हाल का बताकर शेयर करने लगे
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आप इसी तरह की और भी पोस्ट का आर्काइव यहां देख सकते हैं

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पड़ताल में हमने क्या पाया

TOI का ये आर्टिकल 27 अप्रैल 2013 का है और ये पेज के सबसे ऊपरी हिस्से में वॉर्निंग की तरह दिख भी रहा है.

सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में ही 2013 का एक आर्टिकल शेयर किया जिसके बाद से कई लोग इसे हाल का बताकर शेयर करने लगे
ये आर्टिकल 2013 का है
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/TOI)

16 अप्रैल के आर्टिकल में लिखा था, ''भारतीय सेना के गश्ती दल ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से 19 किमी पश्चिम में डेपसांग में पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के सैनिकों के होने की सूचना दी है.''

Telegraph India की 26 अप्रैल 2013 की रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया था कि चीनी सेना ने राकी नाला नदी के पास 4 टेंट लगाए हैं.

न्यूज एजेंसी Reuters में 6 मई 2013 को छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था, ''भारत और चीन की सरकारों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में LAC पर वैसी यथास्थिति बहाल करने पर सहमति जताई है जैसी 15 अप्रैल 2013 के पहले थी.''

हालांकि, इस डील से जुड़ी सटीक जानकारी और चीनी सैनिक कितना पीछे हटे हैं, इस बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी.

LAC को लेकर भारत और चीन के बीच हालिया गतिरोध पिछले साल मई में शुरू हुआ था. सेना के चीफ जनरल एमएम नरवणे ने 30 मार्च को बताया था कि ''एक इंच जमीन का भी नुकसान नहीं हुआ है''.

सुब्रमण्यम स्वामी ने भी एक यूजर को जवाब में बताया है कि ये घटना 2013 की है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने 2014 से 2019 तक चीनी पीएलए को बाहर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. हालांकि, कई यूजर्स इस आर्टिकल को हाल की घटना का बताकर शेयर कर रहे हैं जो भ्रामक है.

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