6 दिसंबर की सुबह हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर के चारों आरोपी एनकाउंटर में मार गिराए गए. पुलिस इन आरोपियों को मौका-ए-वारदात पर ले गई थी, इसी दौरान ये एनकाउंटर हुआ. इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर एनकाउंटर की एक तस्वीर वायरल होने लगी, जो घटनास्थल पर मारे गए आरोपियों के होने का दावा कर रही है.
तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा हुआ है, "हर दिन हम अपने दिन की शुरुआत रेप, गैंगरेप और हत्याओं की खबरों के साथ करते हैं. लेकिन आज के दिन की शुरुआत सबसे अच्छी खबर के साथ हुआ है. सभी पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाना चाहिए."
नोट: क्विंट ने पीड़िता का नाम हटाने के लिए इस ट्वीट को एडिट किया है.
न्यूज चैनल टीवी9 गुजराती ने भी यही तस्वीर दिखाई और सोशल मीडिया पर शेयर की.
दूसरे यूजर्स ने भी सोशल मीडिया पर यही तस्वीर शेयर की.
ये तस्वीर सही या गलत?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीर हैदराबाद एनकाउंटर की नहीं है. असल में ये तस्वीर साल 2015 की है, जब आंध्र प्रदेश में शेषचलम के जंगल में कथित रूप से तमिलनाडु के 20 लकड़हारे मारे गए थे. तस्करी विरोधी टास्कफोर्स ने करीब 100 लकड़हारों को पेड़ों की कटाई करते पाया था. उन्हें कथित तौर पर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने पुलिस टीम पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिए.
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें न्यूज वेबसाइट द हिंदू का साल 2015 में पब्लिश एक ऑर्टिकल मिला. इस आर्टिकल की तस्वीर को हैदराबाद एनकाउंटर की तस्वीर बताकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जा रहा है. कुछ न्यूज चैनलों ने भी इस तस्वीर के सत्यापन की जांच किए बिना हैदराबाद एनकाउंटर की बता दी.
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