सोशल मीडिया में एक ईसाई धर्मगुरु की तीन तस्वीरें इस दावे के साथ शेयर की जा रही हैं कि ईसाई धर्मगुरु ने किसान बनकर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लिया है.
हालांकि, The Quint ने पाया कि तीनों फोटो 2017 और 2018 की हैं और इनका हाल में चल रहे किसानों के प्रोटेस्ट से कोई कनेक्शन नहीं है. ये तीनों फोटो नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन तमिल मय्यम के फाउंडर जेगथ गैस्पर राज की हैं.
दावा
ऊपर दिख रही तीनों फोटो इस दावे के साथ शेयर की जा रही हैं कि यह आदमी बहुरूपिया है. दावे में लिखा जा रहा है
''देख लीजिए बहुरूपिये को''
पहली फोटो- ईसाई पादरी
दूसरी फोटो- प्रवचनकर्ता
तीसरी फोटो- किसान
''इन लोगों को ही आंदोलनजीवी कहा जाता है. धरती पर किधर भी कुछ होगा ऐसे लोग वहां अवश्य मिल जाएंगे''
इसी भ्रामक दावे के साथ इन फोटो को फेसबुक और ट्विटर पर वायरल किया जा रहा है. हमें The Quint के WhatsApp टिपलाइन में इन वायरल तस्वीरों से जुड़ा एक सवाल भी आया.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हर एक वायरल फोटो को देखते हैं और इन फोटो में दिखने वाले व्यक्ति की पहचान करते हैं. ये भी पता लगाते हैं कि ये फोटो कब की हैं.
फोटो 1
जब हमने फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा तो पाया कि इस फोटो को यूट्यूब पर ‘Arputhar Yesu TV’ नाम के एक चैनल ने साल 2018 में अपलोड किया था. इसके कैप्शन में लिखा था: ‘Labourer's day Christian Tamil Sermon Father Jegath Kasper Speech on Workers Day 30-04-2018 (sic)’ यानी मजदूर दिवस 30 अप्रैल, 2018 को फादर जेगथ कैस्पर की स्पीच.
वीडियो में स्पीच दे रहे व्यक्ति तमिल मय्यम ऑर्गनाइजेशन से जुड़े फादर जेगथ गैस्पर हैं.
हमने फादर गैस्पर से बात की. फादर गैस्पर ने इस बात की पुष्टि की कि फोटो में दिख रहे व्यक्ति वही हैं और यह फोटो साल 2018 में आयोजित एक कार्यक्रम की है.
फोटो 2
फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एक अन्य यूट्यूब वीडियो मिला जिसे ARRA TV ने जनवरी 2017 में अपलोड किया था. इस वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान भी फादर गैस्पर के रूप में हुई.
फादर गैस्पर ने बताया कि हिंदू कम्यूनिटी ने साल 2017 में एक सत्संग आयोजित किया था. यह तस्वीर उसी सत्संग की है.
फोटो 3
हमें साल 2018 का न्यूज एजेंसी ANI का एक आर्टिकल मिला जिसमें इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इस आर्टिकल का शीर्षक था, "पादरियों की पिटाई: तमिल मय्या ऑर्गनाइजेशन ईसाई कम्यूनिटी के ऊपर हो रहे अत्याचारों के लिए RSS को दोषी ठहराता है.''
ANI ने इस रिपोर्ट में फादर गैस्पर को कोट किया था कि वे तमिलनाडु में दो पादरियों पर हुए हमलों पर बोले हैं.
फादर जेगथ गैस्पर राज ने ये भी बताया कि वह किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने अब तक किसी भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया है. "ये सभी फोटो पुरानी हैं.
मतलब साफ है कि तमिल मय्यम के फाउंडर फादर गैस्पर की पुरानी फोटो इस गलत दावे से शेयर की जा रही हैं कि विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में उन्होंने किसान होने का ढोंग किया है और उसमें हिस्सा भी लिया है. इन तस्वीरों का चल रहे किसान आंदोलन से कोई कनेक्शन नहीं है.
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