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बंगाल हिंसा को एडिटेड वीडियो से सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

वायरल हो रहा वीडियो कई पुरानी क्लिप जोड़कर बनाया गया है. इसका बंगाल हिंसा से कोई संबंध नहीं है

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पश्चिम बंगाल में 2 मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हिंसा की कई खबरें सामने आईं. जिसमें कई लोगों की जानें भी गई. ऐसे में एक भड़काऊ एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. इसे बंगाल का बताकर दावा किया जा रहा है कि अब हिंदुओं ने बदला लेना शुरू कर दिया है.

हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि देश की अलग-अलग जगहों में हुई हिंसा और मारपीट के पुराने वीडियो की क्लिप जोड़कर ये वीडियो तैयार किया गया है. इस वीडियो का पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

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दावा

कई यूजर्स फेसबुक और ट्विटर पर इस वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर कर रहे हैं: ''बंगाल के हिंदुओं ने पलटवार करना शुरू कर दिया है. अभी देखना लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा''

'सवर्ण आर्मी - गोंडा' नाम के एक फेसबुक पेज पर शेयर किए गए इस वीडियो को स्टोरी लिखते समय तक 6 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और इसे करीब 26 हजार लाइक्स मिल चुके हैं.

इनके आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

क्विंट की WhatsApp टिपलाइन में भी इस वीडियो से जुड़ी क्वेरी आई है.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने Invid के गूगल क्रोम एक्सटेंशन का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा. हमने पाया कि वीडियो में 5 अलग-अलग क्लिप्स का इस्तेमाल किया गया है. हमने इन क्लिप्स की पड़ताल की.

क्लिप 1

कीफ्रेम में से एक पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें साल 2017 में अपलोड किया गया एक यूट्यूब वीडियो मिला. इस वीडियो में वही विजुअल मिले जो वायरल वीडियो के पहले 23 सेकंड में देखे जा सकते हैं. वीडियो के साथ दावा किया गया है कि वीडियो फगवाड़ा जिले का है जहां शिवसेना कार्यकर्ताओं और मुस्लिमों के बीच हिंसा हुई थी.

(वीडियो का आर्काइव यहां देखा जा सकता है)

वायरल वीडियो और यूट्यूब में अपलोड किए गए वीडियो में दिख रहे विजुअल का मिलान आप नीचे देख सकते हैं. दोनों वीडियो में एक जैसे ही विजुअल हैं.

इसके बाद हमने वायरल वीडियो में दिख रहे Batra Watch Company और Kapil Collection के बोर्ड्स के आधार पर इन्हें गूगल मैप पर देखा. हमने पाया कि ये दोनों ही दुकानें फगवाड़ा में गौशाला बाजार रोड में हैं.

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हमें The Indian Express और Times of India की साल 2016 की कुछ रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें इस घटना के संबंध में बताया गया था.

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को बाधित करने को लेकर फगवाड़ा में शिवसेना के कार्यकर्ताओं और मुस्लिम समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई थी.

क्लिप 2

वायरल वीडियो की दूसरी क्लिप में भीड़ मस्जिद में पत्थर फेंकते हुए दिख रही है. हमें 2018 में फेसबुक पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला जिसमें यही विजुअल थे.

हिंदुस्तान की तस्वीर उत्तर प्रदेश के करौली गाँव मे हिन्दू वादी के लोग मुस्लिम मस्जिद की तौर फोर पत्थर बाजी करते हुए...

Posted by Mohd Sarfe Alam on Tuesday, June 5, 2018

(वीडियो का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें)

हमने फेसबुक पर अपलोड किए गए वीडियो और वायरल वीडियो में दिख रहे विजुअल का मिलान करके देखा. दोनों में एक जैसे ही विजुअल देखे जा सकते हैं. आप दोनों वीडियो के विजुअल मिलान नीचे देख सकते हैं.

हालांकि, क्विंट वीडियो में दिख रही जगह को व्यक्तिगत तौर पर वेरिफाई नहीं कर पाया है. लेकिन ये वीडियो साल 2018 से इंटरनेट पर है जिससे साबित होता है कि ये पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा से संबंधित नहीं है.

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क्लिप 3

वायरल वीडियो में जोड़ी गई तीसरी क्लिप में कुछ लोगों को छत पर तोड़फोड़ करते और पिटाई करते देखा जा सकता है. ये वीडियो मार्च 2019 का है जब हरियाणा के गुरुग्राम में होली के मौके पर 20-25 लोगों की भीड़ ने एक मुस्लिम परिवार को पीटा था.

इस घटना के विजुअल कई न्यूज चैनल ने घटना से जुड़ी रिपोर्ट में इस्तेमाल किए थे. इन्हें NDTV और Times of India की रिपोर्ट में देखा जा सकता है.

क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक ये घटना 2019 में हुई थी. जब गुरुग्राम के एक मुस्लिम परिवार के घर में 20-15 लोगों ने घुसकर वहां मौजूद लोगों पर रॉड, डंडों और तलवारों से हमला किया था.

वीडियो में इस्तेमाल की गई दो क्लिप्स की जानकारी हमें नहीं मिल पाई है. लेकिन, हमारी पड़ताल के मुताबिक वीडियो में इस्तेमाल की गई बाकी की 3 क्लिप पुरानी हैं और इनका पश्चिम बंगाल हिंसा से कोई संबंध नहीं है.

क्विंट इस तरह के कई दावों की पिछले एक हफ्ते में पड़ताल कर चुका है और उनका सच आपके सामने ला चुका है. इस तरह के झूठे दावे कर बंगाल की स्थिति को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है.

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