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ओम बिरला की बेटी UPSC एग्जाम देकर बनीं IAS, वायरल दावा भ्रामक

अंजलि बिरला ने अपने प्रवेश पत्र की कॉपी हमारे साथ शेयर की जो पुष्टि करती है कि उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन किया है.

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सोशल मीडिया पर ओम बिरला की बेटी अंजली बिरला को लेकर दावा किया जा रहा है कि वो बिना परीक्षा दिए ही IAS बन गईं.

किसने शेयर किया दावा ? : इस दावे को समाजवादी प्रहरी नाम के X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर शेयर किया गया है. हमारी व्हाट्सप्प टिपलाइन पर भी इस बारे में हमें एक सवाल मिला था.

(ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)ने

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क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. ओम बिरला की बेटी अंजली बिरला ने IAS में चयन के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया है. उन्होंने एग्जाम और इंटरव्यू देकर मेरिट के हिसाब से एडमिशन पाया है.

हमनें सच का पता कैसे लगाया ? अंजली बिरला ने क्विंट की वेबकूफ टीम के साथ अपने एडमिट कार्ड की कॉपी शेयर की और कहा कि उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन किया है. हमनें UPSC परीक्षा 2019 की मेरिट लिस्ट को भी चेक किया और हमनें प्रीलिम्स और मुख्य परिणाम सूची में उनका रोल नंबर पाया.

हमने UPSC की वेबसाइट सर्च की और 4 जनवरी 2021 को जारी एक अधिसूचना देखी जिसमें 'Consolidated Reserve List' के तहत अंजलि बिरला का नाम शामिल था.

यह ध्यान देना जरुरी है कि एक उम्मीदवार को प्रीलिम्स परीक्षा देनी होती है, फिर लिखित मुख्य परीक्षा देनी होती है और अंत में UPSC परीक्षा पास करने के लिए एक पर्सनल इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है.

समेकित रिजर्व सूची में अंजलि बिरला का रोल नंबर भी था. वहां से अंदाजा लगाते हुए, हमने UPSC प्रीलिम्स परीक्षा 2019 परिणाम सूची में रोल नंबर '0851876' ढूंढा.

सूची से पता चला कि अंजलि बिरला ने वास्तव में प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली है.

इसके बाद हमने UPSC मेन्स परीक्षा 2019 की परिणाम सूची में उसी रोल नंबर को ढूंढा और पाया कि उसने यह परीक्षा भी पास कर ली है.

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अंजली बिरला का कहना है कि उन्होंने सभी परीक्षाएं दीं हैं

साल 2021 में द क्विंट की वेबकूफ टीम से बात करते हुए अंजली बिरला ने कहा था कि उन्होंने सभी जरूरी परीक्षाएं दे दी हैं और तय प्रक्रिया का पालन किया है.

“UPSC ने पहले अधिसूचित किया था कि उनके पास 2019 बैच के लिए 927 रिक्तियां हैं. लेकिन जब अंतिम नतीजे आए तो उन्होंने केवल 829 रिक्तियां भरीं थीं. तो, अगस्त 2020 की उस सूची में, मेरा नाम नहीं था क्योंकि मैं सामान्य श्रेणी के लिए कट ऑफ से 8 अंकों से चूक गई थी. अब, जनवरी 2021 में जारी अधिसूचना में, आप देख सकते हैं कि UPSC ने बताया है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने और रिक्तियां भरने के लिए कहा है.
अंजली बिरला
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अंजली बिरला ने हमारे साथ अपने एडमिट कार्ड की एक कॉपी भी शेयर की थी जिसमें लिखा है: 'आप सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2019 में शामिल हो गए हैं.'

इसके अलावा उन्होंने Detailed Application Form  (DAF) की भरी हुई कॉपी शेयर की, UPSC दिशानिर्देशों के अनुसार, परीक्षा/प्रारंभिक परीक्षा के लिखित भाग के परिणाम के आधार पर क्वालीफाई करने वाले उम्मीदवारों को DAF भरना जरुरी है.

अंजली बिरला द्वारा शेयर की गई जानकारी UPSC की जनवरी 2021अधिसूचना में दी गई जानकारी से मेल खाती है जिसमें बताया गया है:

"आयोग, सिविल सेवा परीक्षा नियमों के नियम 16 (4) और (5) के अनुसार, संबंधित श्रेणियों के तहत अंतिम अनुशंसित उम्मीदवार के नीचे योग्यता के क्रम में एक समेकित आरक्षित सूची भी बनाए रख रहा था."

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इसमें आगे कहा गया है, “कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) की मांग के अनुसार, आयोग ने अब सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के आधार पर शेष पदों को भरने के लिए 89 उम्मीदवारों की सिफारिश की है, जिसमें 73 सामान्य, 14 ओबीसी, 01 EWS और 01 एससी शामिल हैं.

इस प्रक्रिया को समझने के लिए हमने पूर्व IAS अधिकारी शक्ति सिन्हा से भी संपर्क किया और उन्होंने भी दोहराया कि सिविल सेवाओं में जाने के लिए कोई "बैकहैंडेड" रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि यह संभव ही नहीं है.

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UPSC का क्या कहना है? : 7 जनवरी 2021 को UPSC ने सिविल सेवा परीक्षाओं में रिजर्व लिस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर किए जा रहे भ्रामक दावों पर एक बयान भी जारी किया.

“मुख्य परिणाम के अनुशंसित उम्मीदवारों की सूची के साथ, UPSC अभ्यास के समापन के बाद बाद की 2 रिकमेन्डेशन के लिए प्रत्येक श्रेणी के तहत योग्यता क्रम में अंतिम अनुशंसित उम्मीदवार से नीचे रैंकिंग वाले सामान्य और आरक्षित श्रेणियों के उम्मीदवारों की एक समेकित रिजर्व सूची भी रखता है. सरकार द्वारा मुख्य परिणाम के अनुशंसित उम्मीदवारों की सेवा आवंटन {सिविल सेवा परीक्षा, 2019 की राजपत्र अधिसूचना का उप-नियम 16(4)}

इसमें आगे कहा गया है कि केटेगरी में आए बदलाव के कारण आने वाली परिणामी रिक्तियां "सामान्य (अनारक्षित) श्रेणी सहित प्रत्येक श्रेणी के लिए सरकार से आई मांग के मुताबिक आरक्षित लिस्ट से भरी जाती हैं."

वेबकूफ की टीम 2021 में भी इन दावों का फैक्ट-चेक कर चुकी है, वह स्टोरी आप यहां पढ़ सकते हैं.

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निष्कर्ष: मतलब साफ है, सोशल मीडिया यूजर्स ने झूठा दावा किया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी ने पहले प्रयास में UPSC परीक्षा पास करने के लिए कोई परीक्षा या इंटरव्यू नहीं दिया.

(अगर आपक पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

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