सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि खाली नेबुलाइजर का इस्तेमाल करने से ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने में मदद मिलती है. यानी नेबुलाइजर में कोई दवा डालने के जरूरत नहीं है. इससे लोगों को ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
वीडियो में दिख रहे शख्स ने खुद को डॉ. आलोक बताया है. सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक ये सर्वोदय हॉस्पिटल, फरीदाबाद में कार्यरत है.
ये दावा ऐसे समय में वायरल हो रहा है जब देश के कई राज्य कोरोना की दूसरी लहर की वजह से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. दिल्ली के कई हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी की खबरें आ रही हैं और वो ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर लगातार मांग भी कर रहे हैं.
हालांकि, हमने दावे के बारे में डॉक्टर्स से बात की जिन्होंने बताया कि ये दावा सही नहीं है. किसी नेबुलाइजर का इस्तेमाल दवा के साथ करें या दवा के बिना, इससे शरीर में ऑक्सीजन लेवल नहीं बढ़ता है. इसके अलावा, सर्वोदय हॉस्पिटल ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि ये दावा गलत है और इसके खिलाफ हॉस्पिटल की तरफ से चेतावनी भी दी गई है.
दावा
इस वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, ''सर्वोदय हॉस्पिटल फरीदाबाद के डॉ. आलोक ने रक्त में आक्सीजन का लेवल बढ़ाने के लिए नेबुलाइजर के इस्तेमाल की एक बेहतरीन तकनीक बताई है. ऑक्सीजन संकट के इस दौर में इससे कई लोगों की जान बच सकती है.’’
वीडियो में दिख रहे शख्स के स्क्रब सूट में सर्वोदय हॉस्पिटल का लोगो देखा जा सकता है.
WhatsApp में इस वीडियो के साथ ये मैसेज शेयर किया जा रहा है, ''ये सर्वोदय हास्पिटल, फरीदाबाद के डॉ. आलोक हैं. इन्होंने रक्त में आक्सीजन का लेवल बढ़ाने के लिए नेबुलाइजर के इस्तेमाल की एक बेहतरीन तकनीक बताई है. ऑक्सीजन संकट के इस दौर में इससे कई लोगों की जान बच सकती है. प्रोनिंग भी इसके लिए एक तकनीक है, लेकिन सभी से अनुरोध है कि इसे एक बार जरूर देखें. यह इमरजेंसी में बहुत मददगार हो सकता है. प्रयास करें."
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने सर्वोदय हॉस्पिटल से जुड़ी पड़ताल की, ताकि ये जान सकें कि क्या हॉस्पिटल ने ये तकनीक सिखाने वाला वीडियो जारी किया है. हमने पाया कि हॉस्पिटल के फेसबुक पेज पर दावे को झूठा बताया गया है. साथ ही, इसके लिए चेतावनी भी दी गई है.
''वीडियो में बताई गई बातों का कोई भी प्रमाण या वैज्ञानिक स्टडी नहीं है. इस वीडियो को सर्वोदय हॉस्पिटल, फरीदाबाद की तरफ से जारी नहीं किया गया है और ये किसी भी तरह की चिकित्सा सलाह नहीं देता है.'' हालांकि, इस पोस्ट में ये नहीं बताया गया कि वीडियो में दिख रहा शख्स हॉस्पिटल से संबंधित है या नहीं.
पोस्ट में कहा गया है कि किसी चिकित्सक की सलाह के बिना ऐसी प्रैक्टिस फॉलो करने से बीमारी और बिगड़ सकती है.
हमने KEM हॉस्पिटल मुंबई के सीनियर रेजीडेंट (चेस्ट मेडिसिन) डॉ. अर्नब से बात की. डॉ. अर्नब ने बताया कि ये दावा गलत है. उन्होंने बताया कि ये संभव नहीं है कि नेबुलाइजर से रक्त में ऑक्सीजन का लेवल बढ़े, चाहे इसका इस्तेमाल दवा के साथ किया जाए या दवा के बिना.
उन्होंने कहा “नेबुलाइजर लिक्विड दवा को एरोसोल/धुंध में बदल देता है, जिससे रोगी के सांस लेने पर दवा फेफड़ों तक जल्दी पहुंचती है और राहत मिलती है”.
नेबुलाइजर का इस्तेमाल ज्यादातर ऐसे लोगों में किया जाता है जिन्हें गंभीर अस्थमा होता है या फिर उन बच्चों में किया जाता है जो काफी छोटे होते हैं और इनहेलर्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसका इस्तेमाल फेफड़ों में जमा म्यूकस को ढीला करने के लिए भी किया जाता है.
नीचे आप अमेरिकन लंग एसोसिएशन की ओर से पोस्ट किए गए वीडियो को देख सकते हैं. इसमें नेबुलाइजर को सही से इस्तेमाल करने का तरीका बताया गया है.
वायरल वीडियो में दिख रहे डॉ. आलोक सेठी ने India Today से बात की और कहा कि वीडियो में बताई गई जानकारी सही नहीं है और जब से उन्हें पता चला है कि वीडियो वायरल हो गया है, तब से वो लोगों को इस बारे में सावधान कर रहे हैं.
डॉ. सेठी के India Today को भेज गए वीडियो में वो कह रहे हैं कि '' नेबुलाइजर ऑक्सीजन सिलिंडर का विकल्प बिल्कुल भी नहीं है.''
मतलब साफ है कि ये दावा गलत है कि ऑक्सीजन सिलिंडर के विकल्प के रूप में नेबुलाइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इस तरह के घरेलू उपचार करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लनी चाहिए. क्योंकि इससे बीमारी बढ़ सकती है और जानलेवा हो सकती है.
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