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Pakistan में ईशनिंदा के आरोप में जिस शख्स की हत्या हुई वो ईसाई नहीं

ननकाना साहिब पुलिस ने पुष्टि की कि जिस शख्स की हत्या की गई वो मुस्लिम समुदाय से है.

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पाकिस्तान (Pakistan) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि ईशनिंदा के आरोपी एक ईसाई युवक को लोगों ने पुलिस स्टेशन से निकालकर मार डाला.

क्या है वीडियो में?: वीडियो में कई लोगों की एक भीड़ युवक को पीटती और फिर उसे आग लगाती दिख रही है.

क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा गया है कि पाकिस्तान के पंजाब में इस्लामिक भीड़ ने ननकाना साहिब पुलिस थाने पर हमला किया और ईशनिंदा करने वाले वारिस इस्सा नाम के एक ईसाई को पीटकर मार डाला और उसे आग के हवाले कर दिया.

(वीडियो विचलित करने वाला है. इसलिए हमने वीडियो से जुड़े किसी भी लिंक का इस्तेमाल अपनी स्टोरी में नहीं किया है.)

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इस वीडियो को मेजर सुरेंद्र पुनिया के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया गया है, जो इसके पहले भी गलत दावे कर चुके हैं. जिसे स्टोरी लिखते समय तक 5 लाख 68 हजार से ज्यादा व्यू मिल चुके हैं.

सच क्या है? ये वीडियो पाकिस्तान के ननकाना साहिब का है. जहां, 11 फरवरी को ईशनिंदा के एक आरोपी शख्स को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाकर उसकी हत्या कर दी गई है. लेकिन,

  • जिस शख्स की हत्या हुई वो ईसाई नहीं, बल्कि मुस्लिम है और उसका नाम वारिस अली है.

  • ननकाना साहिब में संबंधित थाने के SHO जफर सईद ने भी पुष्टि की कि जिस शख्स की हत्या की गई वो मुस्लिम है.

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुरान के साथ बेअदबी को वजह बता लोगों ने वारिस अली को अपने कब्जे में लेकर उसे मारने की कोशिश की थी. जिसे बाद में पुलिस ने लॉकअप में डाल दिया. हालांकि, भीड़ ने उसे छुड़ाकर उसकी हत्या कर दी.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने कीवर्ड सर्च की मदद से मामले से जुड़ी रिपोर्ट्स चेक कीं. इससे हमें पाकिस्तानी मीडिया ऑर्गनाइजेशन Dawn पर पब्लिश 12 फरवरी की एक रिपोर्ट मिली.

  • रिपोर्ट में रीजनल पुलिस ऑफिसर बाबर सईद के हवाले से ये भी बताया गया था कि जून 2022 में आरोपी को कोर्ट ने ईशनिंदा के मामले में बरी किया था. उस पर फिर से ''पवित्र कुरान का अपमान करने'' का आरोप लगा था.

  • रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित की पत्नी ने तलाक का मामला दायर किया था और वो वारिस अली से अलग हो गई थी. इसके बाद कथित रूप से पीड़ित ''अपनी पत्नी की तस्वीर पवित्र कुरान में रखकर जादू-टोना में शामिल था.”

  • रिपोर्ट में बताया गया था कि मामला 11 फरवरी का है. कुरान का अपमान करने के आरोप में लोग आरोपी को फांसी देने की योजना बना रहे थे. लेकिन पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया था. हालांकि, बाद में लोगों ने उसे पुलिस से छुड़ाकर उसकी हत्या कर दी.

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  • इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट्स हमें Quint Hindi, BBC और Guardian पर भी मिलीं.

  • Guardian पर 12 फरवरी को पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, ननकाना साहिब में जिस शख्स की पीटकर हत्या कर दी गई, वो मुस्लिम समुदाय से था.

हमने ज्यादा जानकारी के लिए पाकिस्तान के इस्लामाबाद से पत्रकार फैज पराचा से बात की. उन्होंने हमें मामले से जुड़ी जानकारी देते हुए कहा कि:

  • ननकाना साहिब में दो शिकायतें दर्ज की गईं थी, एक आरोपी वारिस के खिलाफ और दूसरी भीड़ के खिलाफ.

  • पराचा ने बताया कि पुलिस ने उस एफआईआर को सील कर दिया है जो भीड़ के खिलाफ दर्ज की गई है. वहीं उन्होंने हमें वो एफआईआर की कॉपी भी मुहैया कराई जो आरोपी वारिस के खिलाफ दर्ज की गई थी.

  • इस एफआईआर कॉपी के मुताबिक, आरोपी का नाम वारिस अली है और उसके पिता का नाम ईसा है. जो वारबर्टन में काजी कॉलोनी का निवासी है और खोखर जाति से आता है.

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  • पत्रकार फैज ने संबंधित पुलिस थाने के SHO जफर सईद से बात की. सईद ने पुष्टि की कि जिस आरोपी को भीड़ ने मार डाला वो मुस्लिम था.

  • फैज ने हमें ये जानकारी भी दी कि SHO जफर सईद ने 15 फरवरी को पदभार संभाला है. इसके पहले के SHO को सस्पेंड कर दिया गया है क्योंकि वो आरोपी को भीड़ से नहीं बचा पाया था.

  • SHO ने ये भी बताया कि भीड़ के खिलाफ जो एफआईआर है उसे सील कर दिया है. और हम मामले को लेकर अपने उच्च अधिकारियों के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आरोपी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई चोटें आई हैं.

निष्कर्ष: पाकिस्तान के ननकाना साहिब में जिस शख्स को मारा गया वो ईसाई नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय से था.

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