सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने मुस्लिम आर्मी का गठन किया है. हालांकि वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि दावे के साथ शेयर हो रही फोटो में कुछ लोग जिस यूनिफॉर्म में दिख रहे हैं, वो PFI की है ही नहीं.
ये यूनिफॉर्म असल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की यूथ विंग 'मुस्लिम यूथ लीग' की है. मुस्लिम यूथ विंग के जनरल सेक्रेटरी ने क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की है. वहीं PFI के जनरल सेक्रेटरी अनीस अहमद ने भी क्विंट से बातचीत में बताया कि न तो ये यूनिफॉर्म संगठन की है, न ही संगठन ने ‘मुस्लिम आर्मी’ नाम की किसी विंग का गठन किया है.
दावा
फोटो के साथ शेयर हो रहा टेक्स्ट है : भारत के खिलाफ लड़ने के लिए केरल में PFI द्वारा निर्मित मुस्लिम सेना
फेसबुक पर भी ये फोटो बड़े पैमाने पर शेयर हो रही है
पड़ताल में हमने क्या पाया
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर में दिख रही यूनिफॉर्म से मिलती-जुलती एक तस्वीर हमें 'मुस्लिम यूथ लीग' के फेसबुक पेज पर मिली.
वायरल फोटो को 2012 के फेसबुक पोस्ट के साथ अपलोड की गई फोटो से मिलाने पर साफ हो रहा है कि दोनों में यूनिफॉर्म एक ही है.
हमने मुस्लिम यूथ लीग के केरल के स्टेट जनरल सेक्रेटरी पीके फिरोज से संपर्क किया. क्विंट से बातचीत में उन्होंने पुष्टि की कि यूनफॉर्म मुस्लिम यूथ लीग की है.
फोटो में दिख रहे लोग मुस्लिम यूथ लीग के वॉलेंटियर विंग के सदस्य हैं. ये विंग कई तरह की सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेती है.पी के फिरोज़, स्टेट जनरल सेक्रेटरी, मुस्लिम यूथ लीग
क्या है मुस्लिम यूथ लीग?
'मुस्लिम यूथ लीग' राजनैतिक पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की यूथ विंग का नाम है. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक IUML की स्थापना अल्पसंख्यकों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए की गई. IUML भारत निर्वाचन आयोग से मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टी है.
PFI कार्यकर्ताओं की नहीं वायरल फोटो
द क्विंट के साल 2020 के एक आर्टिकल में PFI के कैडर की फोटो है. PFI की यूनिफॉर्म वायरल फोटो से बिल्कुल अलग है.
हमने PFI के जनरल सेक्रेटरी अनीस अहमद से संपर्क किया. क्विंट से बातचीत में उन्होंने बताया कि फोटो में दिख रही हरे रंग की यूनिफॉर्म PFI कैडर की नहीं है.
फोटो में जो यूनिफॉर्म दिख रही है, वो PFI की नहीं है. संभवत: ये केरल में होने वाले किसी धार्मिक समारोह की हो सकती है.अनीस अहमद, जनरल सेक्रेटरी PFI
अनीस अहमद ने PFI के हर साल होने वाले वार्षिक समारोह की एक तस्वीर भी हमें भेजी, जिसमें कैडर की असली यूनिफॉर्म देखी जा सकती है.
दोनों तस्वीरों की तुलना है करने पर साफ हो रहा है कि वायरल फोटो में दिख रही यूनिफॉर्म PFI की नहीं है.
PFI के अहमद अनीस ने क्विंट से बातचीत में ये भी कहा कि संगठन में न तो पहले कभी मुस्लिम आर्मी नाम की कोई विंग थी, न अब है.
क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)?
PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को एक चरमपंथी इस्लामी संगठन माना जाता है. PFI का गठन 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के तौर पर किया गया था. संगठन का मुख्यालय नई दिल्ली में है.
NDF के अलावा कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी, तमिलनाडु के मनिथा नीति पासराई , गोवा के सिटिजन्स फोरम , राजस्थान के कम्युनिटी सोशल एंड एजुकेशनल सोसाइटी , आंध्र प्रदेश के एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस समेत अन्य संगठनों के साथ मिलकर PFI ने कई राज्यों में अपनी पकड़ बनाई है.
PFI का विवादों से नाता पुराना है. 2012 में केरल हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान वहां की सरकार ने कहा था कि PFI की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. इसके अलावा हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, NIA ने PFI को कम से कम चार मामलों में नामजद किया है.
मतलब साफ है - ये सच है कि PFI को एक चरमपंथी संगठन माना जाता है. लेकिन, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि वायरल फोटो में हरे रंग की पोशाक पहने लोग PFI कैडर के हैं और PFI ने मुस्लिम आर्मी की शुरुआत की है.
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