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भारतीय सेना पर PFI के हमले का दावा असली घटना नहीं, सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है

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सोशल मीडिया पर केरल (Kerala) के कोल्लम में भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों पर 6 लोगों के हमले से जुड़ी रिपोर्ट और पोस्ट वायरल है. इन पोस्ट्स में दावा किया गया है कि भारतीय सेना के जवानों की पीठ पर पेंट से PFI लिख दिया गया.

PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक राजनीतिक संगठन है. इसे केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत 5 साल के लिए बैन कर दिया था.

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ANITimes NowRepublic, समेत कई मीडिया संस्थानों ने इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट पब्लिश की. इन रिपोर्ट्स में पीड़ित की पहचान कोल्लम के कडक्कल में रहने वाले भारतीय सेना के जवान शिने कुमार के रूप में बताए गई.

(रिपोर्ट्स देखने के लिए दाईं ओर स्वाइप करें)

  • न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट

    सोर्स : स्क्रीनशॉट/ANI

यही दावा करते सोशल मीडिया पोस्ट्स के अर्काइव यहां, यहां और यहां देखें.

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क्या ये सच है ? : द क्विंट से बात करते हुए कोल्लम ग्रामीण पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये शिकायत ''गलत'' थी. उन्होंने आगे ये भी बताया कि कुमार और उसके दोस्तों ने देश भर का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए खुद इस फेक घटना को अंजाम दिया. किसी और ने उनके साथ ऐसा नहीं किया.

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हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : मामले से जुड़े कीवर्ड सर्च कर हमने घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स सर्च कीं.

  • हमें मातृभूमि पर छपी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया था कि मामला फर्जी निकला और इसमें 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

  • इंटरनेट पर उपलब्ध रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जवान का नाम शिने कुमार है. साथ ही ये भी बताया गया है कि उसने कोल्लम के कडक्कल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.

  • कडक्कल इलाका कोल्लम के ग्रामीण पुलिस थाने में आता है. द क्विंट ने वहां के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर प्रथापन नायर से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि ऐसी कोई घटना असल में नहीं हुई.

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''मामले की जांच में सामने आया कि ये शिकायत फेक थी. शिकायतकर्ता (शिने कुमार) ने राष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा किया, जिससे उन्हें मनचाही पोस्टिंग मिल जाए.''
आर प्रथापन नायर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोल्लम ग्रामीण पुलिस
  • नायर ने कहा कि कुमार वर्तमान में "मुझे लगता है कि राजस्थान में कहीं, जैसलमेर में" तैनात थे और केरल में घर के नजदीक पोस्टिंग चाहते थे.

  • नायर ने कहा, "उसने यह कृत्य अपने दोस्त जोशी की मदद से किया है, जिसने ये शब्द उसकी पीठ पर लिखे थे. उसे (जोशी को) भी गिरफ्तार कर लिया गया और पेंट, ब्रश और टेप का बचा हुआ हिस्सा भी जब्त कर लिया लिया गया."

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि दोनों आरोपियों को अब गिरफ्तार कर लिया गया है और मंगलवार 26 सितंबर को अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

द क्विंट ने कडक्कल पुलिस से भी संपर्क किया, जहां पहली बार शिकायत दर्ज की गई थी. पुलिस ने पुष्टि की है कि इसमें PFI की कोई संलिप्तता नहीं थी. सेना के जवानों ने "मशहूर होने" के लिए उन्हें झूठा बयान दिया.

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उन्होंने बताया कि कुमार और जोशी के खिलाफ धारा 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 177 (झूठी जानकारी देना), 120बी (आपराधिक षड़यंत्र ), 465 और 468 (जालसाजी या धोखाधड़ी), 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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निष्कर्ष : सेना के जवान की ये शिकायत फेक है कि उनकी पीठ पर 6 लोगों ने पेंट से PFI लिख दिया. कोल्लम ग्रामीण पुलिस ने मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है साथ ही जांच में ये भी सामने आया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी.

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