सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है कि Pfizer के सीईओ अल्बर्ट बौर्ला को न्यूयॉर्क के स्कार्सडेल से गिरफ्तार किया गया है. मैसेज में लिखा है कि उन पर धोखाधड़ी के कई आरोप लगाए गए थे. ये आरोप Covid-19 वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर ग्राहकों को धोखा देने में उनकी भूमिका से जुड़े हैं.
इस मैसेज में आगे ये भी कहा गया है कि बौर्ला को अमेरिकी फेडरल ब्यूरो (FBI) ने तब गिरफ्तार किया जब वो एक जमानत की सुनवाई का इंतजार कर रहे थे और इस मुद्दे पर मीडिया ने कोई जानकारी नहीं बताई.
हालांकि, हमने पाया कि ये मैसेज मनगढ़ंत है. हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिससे साबित हो कि बौर्ला की गिरफ्तारी हुई है. हमने देखा कि वो अपने वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट पर सक्रिय हैं.
दावा
वायरल मैसेज में लिखा है कि Pfizer सीईओ अल्बर्ट बौर्ला को धोखाधड़ी के कई मामलों में शुक्रवार को FBI ने गिरफ्तार किया था. साथ ही, ये दावा किया गया कि इस मामले में 'मीडिया ब्लैकआउट' था यानी इस खबर को मीडिया ने नहीं दिखाया.
ये जानकारी सबसे पहले कनाडा की एक वेबसाइट 'Conservative Beaver' ने शेयर किया था, जिसके मुताबिक ''मीडिया ब्लैकआउट'' का आदेश पुलिस ने दिया था और इसे एक जज ने तुरंत ही अप्रूव भी किया था. आर्टिकल 5 नवंबर 2021 को पब्लिश हुआ था.
सोशल मीडिया पर किए गए इस दावे वाले और पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने Albert Bourla नाम के साथ सर्च किया, ताकि जान सकें कि क्या किसी विश्वसनीय मीडिया आउटलेट ने उनकी गिरफ्तारी से संबंधित रिपोर्ट छापी है? लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली. हालांकि, हमने पाया कि इस दावे के आने के 10 दिन बाद, बौर्ला ने 15 नवंबर को वाशिंगटन डीसी में हुए फॉर्च्यून के सीईओ इनिशिएटिव में बात की थी.
हमने ये भी देखा कि सीईओ का वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल लगातार सक्रिय था और इससे कंपनी के बारे में जानकारी ट्वीट की जा रही थी.
इसके बाद, हमें बौर्ला के मीडिया से बात करने की खबरें मिलीं. 5 नवंबर को ही, बौर्ला ने प्रेस के सामने आकर मीडिया आउटलेट्स CNBC और CNN से बात की।
फाइजर में ग्लोबल मीडिया रिलेशंस की सीनियर एसोसिएट कीना गजविनी (Keanna Ghazvini) ने एक ई-मेल में Reuters को बताया, "हम पुष्टि कर सकते हैं कि ये एक झूठा दावा है."
मतलब साफ है कि Pfizer सीईओ अल्बर्ट बौर्ला को धोखाधड़ी के आरोप में FBI ने गिरफ्तार नहीं किया और न ही मीडिया ने ऐसी कोई जानकारी को छिपाने की कोशिश की.
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