सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें इस दावे के साथ शेयर की जा रही हैं कि ये 1920 में खोजी गई फिरौन ममी हैं.
क्या है दावा ? : फोटो के साथ जिस कैप्शन को शेयर किया जा रहा है उसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा ''1920 में मिलीं विशालकाय फिरौन (Phirone) की ममी. होवर्ड की टीम को मिस्र में एक कब्र की खुदाई में ऐसे कई अवशेष मिले.''
सच क्या है ? : ये तस्वीरें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल की मदद से बनाई गई हैं.
हमें इन तस्वीरों में कई खामियां मिलीं, जो कि अक्सर AI से बनाई गई तस्वीरों में मिलती हैं.
AI की तस्वीरों को डिटेक्ट करने वाले टूल ने भी ये संकेत दिया कि इस बात की पूरी संभावना है कि फोटो को AI से बनाया गया था.
वायरल तस्वीरों में मिलीं ये खामियां : पहली तस्वीर में, हमें कथित ममी की सात उंगलियां दिखीं, जो कि इस बात का संकेत था कि ये असली इंसान की ना होकर AI की हो सकती हैं. साथ ही, बाईं और दिख रहा शख्स कपड़ों के साथ जुड़ा दिख रहा है.
दूसरी तस्वीर को गौर से देखने पर एक शख्स की आंक में सफेद धब्बा दिखा. किताब की बनावट और चिह्नित व्यक्ति के हाथों की बनावट भी काफी चिकनी दिखी.
तीसरी तस्वीर में भी ऐसी ही कई खामियां मिलीं. बाईं और दिख रहे लोगों के पैर आपस में जुड़े हुए हैं. दाईं ओर के शख्स की उंगलियां अजीब आकार की दिख रही हैं.
(तस्वीरें देखने के लिए दाईं तरफ स्वाइप करें)
डिटेक्शन टूल ने क्या बताया : हमने इमेज डिटेक्शन टूल Hive Moderation की मदद से चेक किया कि ये तस्वीरें कितनी विश्वसनीय हैं.
टीम वेबकूफ को आगे पता चला कि इन सभी तस्वीरों को पहली बार नवंबर 2023 में Google ने अपने रिकॉर्ड में दर्ज किया था, जाहिर है कि ये अगर तस्वीरें इतिहास में काफी पुरानी होतीं तो ऐसा नहीं होता.
होवर्ड सेंटर : मिस्त्र के राजा तुतनखमामून के अंतिम विश्राम स्थल की खोज करने वाले पुरातन विशेषज्ञ थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खोज से पता चला कि मृत्यू के समय ये राजा 19 साल का था. राजा की लंबाई लगभग 6 फीट 6 इंच थी.
निष्कर्ष : ये तस्वीरें AI टूल की मदद से बनाई गई हैं, इसमें दिख रही कलाकृतियां फिरौन की ममी की नहीं हैं.
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