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नरेंद्र मोदी के PM बनने से उनके परिवार को हुआ फायदा? फेक है दावा

हमने जांच में पाया कि ये दावे सही नहीं हैं और दावों के लिए अनवेरिफाइड जानकारी का इस्तेमाल किया गया है.

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सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार को लेकर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में पीएम मोदी के परिवार के सदस्यों के पिछले और मौजूदा व्यवसाय के बारे में बताकर ये दिखाने की कोशिश हो रही है कि परिवार को उनके प्रधानमंत्री पद से आर्थिक मदद हुई है.

हालांकि, हमने जांच में पाया कि ये दावे सही नहीं हैं और दावों के लिए अनवेरिफाइड जानकारी का इस्तेमाल किया गया है.

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दावा

वीडियो का टाइटल है: “गरीब मोदी परिवार कैसे हुआ मालदार”. वीडियो में जो दावे किए गए हैं, वो हैं:

  • सोमाभाई मोदी (75 साल): रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी जो अभी गुजरात में रिक्रूटमेंट बोर्ड के चेयरमैन हैं.
  • अम्रुतभाई (72 साल): पहले प्राइवेट फैक्टरी में काम करते थे, अभी अहमदाबाद और गांधीनगर के सबसे बड़े रियल एस्टेट बिजनेसमैन हैं.
  • प्रह्लाद मोदी (64 साल): इनकी पहले राशन की दुकान थी, लेकिन अब इनके अहमदाबाद और वडोदरा में ह्यूनडाई, मारुति और हॉन्डा फोर-व्हीलर के शोरूम हैं.
  • पंकज मोदी (58 साल): पहले सूचना विभाग में थे. अब वो सोमाभाई के साथ, रिक्रूटमेंट बोर्ड में उपाध्यक्ष हैं.
  • भोगीलाल मोदी (67 साल): पहले ग्रॉसरी स्टोर था, अब अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में रिलायंस मॉल के मालिक हैं.
  • अरविंद मोदी (64 साल): पहले स्क्रैप डीलर थे, अब रियल एस्टेट और बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के लिए स्टील के कॉन्ट्रैक्टर हैं.
  • भरत मोदी (55 साल): पहले पेट्रोल पंप पर काम करते थे, अब अहमदाबाद में अगियारस पेट्रोल पंप के मालिक हैं.
  • अशोक मोदी (51 साल): पहले पतंग और ग्रॉसरी स्टोर हुआ करता था. अब रिलायंस मॉल में भोगीलाल मोदी के साथ पार्टनर हैं.
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हमने जांच में क्या पाया?

हमने वीडियो में इस्तेमाल की गई फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि ये 2016 में इंडिया टुडे में छपे आर्टिकल की है. इस स्टोरी का टाइटल था: ‘The Other Modis’. इसे सीनियर एडिटर उदय माहुरकर ने लिखा था, जिसमें पीएम मोदी के परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी थी. रिपोर्ट, वायरल वीडियो में किए गए दावों की पुष्टि नहीं करती है.

भारत सरकार में बतौर इंफॉर्मेशन कमिश्नर काम कर रहे माहुरकर ने एक ट्वीट में राधा चरण दास (@radhacharandas) द्वारा किए गए दावे को भ्रामक और गलत भी बताया.

दास के ट्वीट का आर्काइव वर्जन देखने के लिए यहां क्लिक करें.

इसके बाद, हमने वारयल वीडियो में एक-एक सदस्य को लेकर किए गए दावे की जांच की.

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सोमाभाई मोदी

वायरल मैसेज के उलट, ये बताने के लिए कोई सबूत नहीं था कि प्रधानमंत्री मोदी के बड़े भाई सोमभाई मोदी गुजरात में एक रिक्रूटमेंट बोर्ड के अध्यक्ष हैं.

पहली बात, वायरल मैसेज में ये साफ नहीं किया गया है कि वो किस रिक्रूटमेंट बोर्ड के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा, हमें न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जो इस ओर इशारा करती हैं कि रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी, सोमाभाई अब गुजरात के वडोदरा में एक मैचूरिटी होम चलाते हैं. वो 2019 तक ग्लोबल इंडियन्स फॉर भारतीय विकास (GIBV) के उपाध्यक्ष भी रहे हैं.

गूगल पर, ‘Recruitment Boards in Gujarat’ सर्च करने पर हमें ये वेबसाइट्स मिलीं:

सोमाभाई मोदी इनमें से किसी भी बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं.

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अम्रुतभाई मोदी

वायरल मैसेज में दावा किया गया था कि अम्रुतभाई मोदी पहले प्राइवेट फैक्टरी में काम करते थे और अब अहमदाबाद और गांधीनगर के सबसे बड़े रियल एस्टेट बिजनेसमैन हैं.

NewsBytes वेबसाइट के मुताबिक, अम्रुतभाई एक प्राइवेट कंपनी में फिटर के तौर पर रिटायर जरूर हुए, लेकिन उनके रियल एस्टेट बिजनेसमैन होने को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं है. DailyO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वो अब रिटायर हो चुके हैं और अहमदाबाद में अपने बेटे के साथ रहते हैं.

हमने अहमदाबाद और गांधीनगर में टॉप बिल्डर्स के लिए दूसरी कई वेबसाइट्स सर्च कीं, लेकिन किसी में भी अम्रुतभाई मोदी का नाम शामिल नहीं था.

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प्रह्लाद मोदी

वायरल मैसेज में दावा किया गया कि प्रह्लाद की अब अहमदाबाद और वडोदरा में ह्यूनडाई, मारुति और हॉन्डा फोर-व्हीलर के शोरूम हैं. लेकिम हमने पाया कि पहले राशन की दुकान के मालिक प्रह्लाद, अब ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष हैं.

नवंबर 2019 में, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में “परेशानियों” के विरोध में वो धरने पर भी बैठे थे.

इसके अलावा, हमने अहमदाबाद और वडोदरा में ह्यूनडाई, मारुति और हॉन्डा के कई शोरूम से संपर्क किया. हमें मालूम चला कि प्रह्लाद मोदी किसी शोरूम के मालिक नहीं हैं.

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पंकजभाई मोदी

वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि पीएम मोदी के सबसे छोटे भाई, पंकज मोदी सोमाभाई के साथ, रिक्रूटमेंट बोर्ड में काम करते हैं. हमारी जांच में ये दावा भी गलत पाया गया है. हमें जनवरी 2020 की डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि पंकज मोदी गुजरात सरकार के सूचना विभाग में वरिष्ठ अफसर हैं.

इसके अलावा, गुजरात में रिक्रूटमेंट बोर्ड की वेबसाइट में किसी भी पद पर पंकज मोदी का नाम नहीं है.

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भोगीलाल मोदी और अशोक मोदी

वायरल मैसेज में कहा गया है कि पहले ग्रॉसरी स्टोर चलाने वाले भोगीलाल मोदी और अशोक मोदी अब अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में रिलायंस मॉल के मालिक हैं.

हालांकि, अगस्त 2020 की इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस में फ्रेंचाइजी सिस्टम नहीं है. इसलिए, गुजरात के शहरों में भोगीलाल और अशोक मोदी का रिलायंस मॉल चलाने का सवाल ही नहीं उठता.

इसकी पुष्टि करने के लिए, हमने अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में रिलायंस मॉल के स्टोर मैनेजरों से बात की, जिन्होंने कंफर्म किया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, रिलायंस स्टोर की मालिक है.

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अरविंद मोदी

मैसेज के मुताबिक, अरविंद मोदी स्क्रैप डीलर से स्टील कॉन्ट्रैक्टर बन गए हैं और बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं. हालांकि, हमें इस दावे को सपोर्ट करती कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली.

गूगल पर ‘Arvind Modi Steels’ सर्च करने पर हमें अरविंद मोदी नाम से कई स्टील कॉन्ट्रैक्टर्स के लिंक्डइन प्रोफाइल मिले. हालांकि, इसमें से कोई भी प्रधानमंत्री से संबंधित नहीं था.

भरत मोदी

वायरल दावे के मुताबिक, पीएम के कजिन, भरत मोदी पहले पेट्रोल पंप में काम करते थे और अब अहमदाबाद में ‘अगियारस पेट्रोल पंप’ के मालिक हैं. हालांकि, गूगल मैप्स पर सर्च करने पर सामने आया कि शहर में ऐसा कोई पेट्रोल पंप नहीं है.

इससे साफ होता है कि पीएम मोदी के परिवार को लेकर सोशल मीडिया पर गलत दावे किए जा रहे हैं.

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