कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देशभर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया. 25 मार्च से 14 अप्रैल तक पूरा देश लॉकडाउन में है.
दावा
अब, आज तक और एबीपी न्यूज चैनल की कुछ फोटो वायरल हो रही हैं और दावा किया जा रहा है कि पीएम ने रात 12 बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद करने का भी ऐलान किया है.
द क्विंट को ये सवाल WhatsApp हेल्पलाइन पर मिला.
सच या झूठ?
ये दावा झूठा है.
वायरल हो रहीं दोनों ही तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की गई है. ये तस्वीरें आज तक और एबीपी न्यूज के असली बुलेटिन से फॉर्मेट, कंटेंट और भाषा के मामले में अलग हैं.
हमें जांच में क्या मिला?
पहली तस्वीर
हमें एबीपी न्यूज का एक बुलेटिन मिला, जो 24 मार्च को ऑन-एयर हुआ था. इसका टाइटल था, "कोरोनावायरस क्राइसिस: पीएम ने 21 दिनों के लिए देश में लॉकडाउन का ऐलान किया". चैनल के बुलेटिन और वायरल हो ही तस्वीर में देखने में काफी समानताएं हैं.
दोनों ही फोटो में पीएम के कपड़े और चैनल के टॉप बैंड एक जैसा है. वहीं, लोअर बैंड दिखने और कंटेंट, दोनों ही मामलों में अलग है. बुलेटिन में लोअर बैंड पीले रंग का है, जिसपर लिखा है, 'पिछली बार जनता कर्फ्यू का एलान किया था'. वहीं वायरल फोटो में बैंड लाल रंग का है, जिसपर लिखा है, 'अफवाह के कारण इंटरनेट सेवा बंद'.
सेंटर में टेक्स्ट की बात करें, तो हमने पूरा बुलेटिन स्कैन किया और हमें कहीं भी इंटरनेट सेवाएं बंद करने का दावा करने वाला टेक्स्ट नहीं मिला. पीएम ने केवल रात 12 बजे से लॉकडाउन लागू होने का ऐलान किया था.
दूसरी तस्वीर
अपने लेटेस्ट बुलेटिन में, आज तक वायरल फोटो में 'ब्रेकिंग न्यूज' बैंड का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, जैसा की वायरल फोटो में दिखाया गया है. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर शेयर हो रही इस फोटो में न ही टिकर है और न ही लोअर बैंड. आज तक के बुलेटिन में दोनों ही होते हैं.
और देखा जा सकता है कि पीएम मोदी दोनों ही तस्वीरों में अलग-अलग कपड़ों में हैं.
इसके अलावा, आज तक एक हिंदी न्यूज चैनल है और खबरों को इंग्लिश में एयर नहीं करता है. वायरस फोटो में कंटेंट इंग्लिश में है.
वायरल फोटो में सेंटर में जो टेक्स्ट है, वो आज तक के फोटो से मैच नहीं करता है.
इससे साफ होता है कि आज तक और एबीपी न्यूज बुलेटिन का इस्तेमाल झूठे दावे करने के लिए किया गया.
(जबसे ये महामारी फैली है, इंटरनेट पर बहुत सी झूठी बातें तैर रही हैं. क्विंट लगातार ऐसी झूठ और भ्रामक बातों की सच उजागर कर रहा है. आप यहां हमारे फैक्ट चेक स्टोरीज पढ़ सकते हैं.)
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