प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो हाथ जोड़कर चलते दिख रहे हैं और एक फोटोग्राफर जमीन में लेटकर उनकी फोटो क्लिक कर रहा है.
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने फोटो को शेयर कर पीएम मोदी पर कटाक्ष किया है और दावे में कहा है कि ये फोटोग्राफर हर दिन 18-20 घंटे काम करता है. और वो ऐसा साल के 365 दिन करता है.
ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
हालांकि, पड़ताल में इस फोटो का सच कुछ और निकला. फोटो को एडिट किया गया है और उसमें फोटोग्राफर की तस्वीर को जोड़ दी गई है.
ओरिजिनल फोटो पीएम मोदी के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की गई थी. जिसमें वो 2 अक्टूबर 2021 को नई दिल्ली स्थित गांधी स्मृति में श्रद्धांजलि देते हुए दिख रहे हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें LiveMint का एक आर्टिकल मिला. इसकी हेडलाइन के मुताबिक, पीएम मोदी ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी थी.
आर्टिकल में पीएम मोदी के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट भी इस्तेमाल किया गया था, जिसमें वही तस्वीर इस्तेमाल की गई थी जिसे दावे में देखा जा सकता है.
इस फोटो में पीएम मोदी तो उसी पोजीशन में दिख रहे हैं, जैसे वो वायरल दावे वाली फोटो में दिख रहे हैं. लेकिन, इसमें जमीन में लेटा फोटोग्राफर मौजूद नहीं है. जिससे साबित होता है कि फोटो में फोटोग्राफर को अलग से जोड़ा गया है.
हमने कीवर्ड की मदद से फोटोग्राफर की तस्वीर ढूंढी. हमें स्टॉक फोटो वेबसाइट Alamy पर हूबहू तस्वीर मिली.
इस फोटो को हॉरिजॉन्टली फ्लिप करने पर, हमने पाया कि ये वही फोटोग्राफर है जिसे वायरल एडिटेड फोटो में देखा जा सकता है.
मतलब साफ है पीएम मोदी की फोटो में जमीन पर लेटे एक फोटोग्राफर की तस्वीर को जोड़ा गया है और इस एडिटेड तस्वीर को असली बताकर शेयर किया जा रहा है.
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