सोशल मीडिया पर रोड शो करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की एक फोटो शेयर की जा रही है. फोटो में पीछे वाली गाड़ी में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और जेपी नड्डा को भी देखा जा सकता है. फोटो को हाल की फोटो बता कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो हाल की नहीं, बल्कि अप्रैल 2019 की है. जब पीएम मोदी लोकसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन के लिए वाराणसी पहुंचे थे. इसके अलावा, देश में कोविड का पहला केस जनवरी 2020 में आया था. यानी ये फोटो देश के कोरोना की गिरफ्त में आने से पहले की है.
दावा
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रीति चौबे ने इस फोटो को शेयर कर दावे में लिखा, ''ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए जागरूकता रैली करते हुए साहेब जी!!''
आर्टिकल लिखते समय तक प्रीति चौबे के इस ट्टवीट को करीब 3,700 लाइक मिल चुके हैं.
सोशल मीडिया पर इस फोटो को कई यूजर्स ने इसी दावे से शेयर किया है. फेसबुक पर किए गए ऐसे पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं. वहीं, ट्विटर पर किए गए पोस्ट के आर्काइव आपको यहां और यहां देखने को मिलेंगे.
पड़ताल में हमने क्या पाया?
हमने फोटो को Yandex पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें सर्च रिजल्ट में Outlook India की 25 अप्रैल 2019 की एक फोटो गैलरी मिली, जिसमें पीएम मोदी के रोड शो की कई तस्वीरें थीं. इस गैलरी के 48वें नंबर में इसी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
तस्वीर के कैप्शन इंग्लिश में लिखा था, जिसका हिंदी अनुवाद इस प्रकार है-
''वाराणसी में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने से एक दिन पहले अपने मेगा रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने समर्थकों का अभिवादन करते हुए.''
यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च की मदद से सर्च करके देखा. जिससे हमें 25 अप्रैल 2019 को ही Scroll पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.
''Lok Sabha polls: PM Narendra Modi holds roadshow in Varanasi day before filing nomination'' हेडलाइन वाली इस रिपोर्ट में इसी वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
आर्टिकल में बताया गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी के वाराणसी सीट से लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामाकन पत्र दाखिल करने से पहले, रोड शो किया. जो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के गेट पर शुरू हुआ और अस्सी, भदैनी, मदनपुरा, सोनारपुरा और गोदौलिया से गुजरने के बाद दशाश्वमेध घाट पर समाप्त हुआ.
इसके अलावा, हमें अप्रैल 2019 की कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
इस रोड शो का वीडियो भी BJP के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से 25 अप्रैल 2019 को शेयर किया गया था.
तस्वीर का कोरोना से नहीं है कोई संबंध, क्यों?
Indian Jorunal of Medical Research के मुताबिक, भारत में कोविड को पहला केस 27 जनवरी 2020 को रिकॉर्ड किया गया था. जबकि वायरल फोटो अप्रैल 2019 की है यानी देश में कोरोना आने से पहले की.
इसके अलावा, कोविड से पहली मौत कर्नाटक के कलबुर्गी में 12 मार्च 2020 को हुई थी. वहीं ओमिक्रॉन वैरिएंट की बात करें तो भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला केस 2 दिसंबर 2021 को आया है. Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक में 2 लोग इस वैरिएंट से पॉजिटिव हुए थे और वो दोनों देश में ओमिक्रॉन से इनफेक्टेड होने वाले पहले थे.
हालांकि, ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस देश में लगातार बढ़ रहे हैं, उसके बावजूद आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अलग-अलग पार्टियां रैली कर रही हैं, जिनमें भीड़ उमड़ रही है. 2 जनवरी को पीएम ने मेरठ में रैली कर लोगों को संबोधित किया जिसमें काफी भीड़ देखी गई. इसके अलावा, अखिलेश यादव भी लगातार रैलियां कर रहे हैं जिनमें हजारों की भीड़ में लोग आ रहे हैं.
लेकिन, ये वायरल तस्वीर हाल की नहीं, बल्कि तब की है जब देश कोरोना की चपेट में नहीं आया था. कोविड आने से पहले किए गए पीएम मोदी के रोड शो की तस्वीर गलत दावे से ओमिक्रॉन से जोड़कर शेयर की जा रही है.
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