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ऑक्सीजन सप्लाई रोकने वाले एंबुलेंस ड्राइवर की पिटाई? झूठा है दावा

दावा किया जा रहा है कि वी़डियो में दिख रहा शख्स मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर उनकी जान लेने की कोशिश कर रहा था.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ पुलिसकर्मी एक शख्स को बेंत से पीटते हुए दिख रहे हैं. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पुलिस वाले एक एंबुलेस ड्राइवर की पिटाई कर रहे हैं. जिसने कथित तौर पर तेलंगाना के एक अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की सप्लाई लाइन बंद कर दी थी.

वीडियो में दिख रहा शख्स पुलिस से माफी मांगते हुए और उनसे पिटाई रोकने के लिए कहते देखा जा सकता है.

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हालांकि, हमने पड़ताल में पाया कि ये घटना महाराष्ट्र के जालना जिले के दीपक अस्पताल की है. जहां बीजेपी युवा मोर्चा के जनरल सेक्रेटरी शिवराज नारियवाले को पुलिस ने इसलिए पीटा था, क्योंकि वो कथित तौर पर उनके मरीज के मरने के बाद हंगामा करने वाली भीड़ में शामिल था.

दावा

वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि, ''जब पुलिस ने तेलंगाना के निजामाबाद के अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर लाइन बंद करने वाले एंबुलेंस ड्राइवर को पकड़ा.''

दावे में आगे लिखा है कि उसने ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि "पिछले दो-तीन दिनों में किसी की मौत नहीं हुई थी और एम्बुलेंस को 'कोई काम नहीं मिल रहा था''

वीडियो को कई लोगों ने फेसबुक पर शेयर किया है. इनके आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं. वहीं इस दावे को कई यूजर्स ने ट्विटर पर भी शेयर किया है. इनके आर्काइव आपको यहां और यहां देखने को मिलेंगे.

क्विंट की WhatsApp टिपलाइन में इस वीडियो से जुड़े दावे को लेकर कई क्वेरी आई हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वायरल वीडियो के ऑडियो को ध्यान से सुना और पाया कि जिस शख्स की पिटाई हो रही है वो मराठी में बोल रहा था.

गूगल क्रोम के वीडियो वेरफिकेशन एक्सटेंशन, InVid का इस्तेमाल करके हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. हमें ABP Majha की 27 मई को पब्लिश न्यूज रिपोर्ट मिली.

हमें Divya Marathi पर एक और रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया था कि 9 अप्रैल को अस्पताल के अधिकारियों और एक मरीज के परिजनों के बीच बहस हुई. इस मरीज की मौत हो चुकी थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने पुलिस को इस मामले की सूचना दी और मामला बढ़ गया. मरीज के परिजनों के साथ मौजूद नारियवाले को पुलिस ने घसीटकर पीटा.

हमें न्यूज एजेंसी ANI का 27 मई का एक ट्वीट मिला, जिसमें वायरल वीडियो की तस्वीरें थीं.

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हमने जालना के एसपी विनायक देशमुख से संपर्क किया जिन्होंने इस मामले की जानकारी हमारे साथ शेयर की और बताया कि वायरल हो रहा दावा गलत है.

‘’ये वीडियो जालना का है और उस शख्स को इसलिए पीटा गया, क्योंकि वो मरीज की मौत के बाद हंगामा कर रही भीड़ में शामिल था. प्रथम दृष्यया एक पुलिस वाले की गलती पाई गई है और उसे सस्पेंड कर दिया गया है.’’
विनायक देशमुख, एसपी जालना

The New Indian Express में पब्लिश एक और रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि जालना के दीपक अस्पताल में सड़क दुर्घटना के बाद एक मरीज को भर्ती किया गया था, जिसके बाद भीड़ ने ''डॉक्टरों को पीटा और ICU में तोड़फोड़ की''. नारियवाले इसे भीड़ में शामिल था. मृतक के रिश्तेदारों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था.

मतलब साफ है कि ये वीडियो महाराष्ट्र का है जिसे तेलंगाना का बताकर शेयर किया जा रहा है. ये दावा गलत है कि पुलिस ने ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकने वाले एंबुलेंस ड्राइवर की पिटाई की है. पिटाई का ये वीडियो महाराष्ट्र के जालना का है जहां एक बीजेपी कार्यकर्ता को अस्पताल में हंगामा करने के लिए पीटा गया था.

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