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पुलिस ने लाठीचार्ज के खिलाफ किया प्रदर्शन? वायरल फोटो का सच जानिए

हमने पाया कि ये फोटो 2019 की है और इसके साथ छेड़छाड़ की गई है.

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सोशल मीडिया पर एक पुलिसकर्मी की फोटो वायरल हो गई है, जिसमें उसने हाथ में एक प्लकार्ड पकड़ा हुआ है, जिसपर लिखा है, "मासूमों पे लाठी चार्ज हम से नहीं हो पाएगा."

हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो 2019 की है और इसके साथ छेड़छाड़ की गई है. असली फोटो दिल्ली ITO के बाहर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान खींची गई थी, जिसपर लिखा था, "हमें न्याय चाहिए."

ये फोटो दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के दौरान भी एक अलग दावे के साथ वायरल हो गई थी.

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दावा

लाठीचार्ज का विरोध करते एक पुलिसकर्मी की फोटो के साथ मैसेज में लिखा है, "पुलिस लाठी चार्ज करती नही सरकार करवाती हैं |"

प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मी के हाथ में एक प्लकार्ड देखा जा सकता है, जिसपर लिखा है, "मासूमों पे लाठी चार्ज हम से नहीं हो पाएगा."

फेसबुक पर कई यूजर्स ने इस फोटो को इसी दावे के साथ शेयर किया.

हमें ये फोटो ट्विटर पर भी मिली. समाजवादी छत्र सभा (SCS) के प्रदेश अध्यक्ष ने 10 अक्टूबर को इस फोटो को शेयर किया था. इस आर्टिकल को लिखे जाने तक, इसपर 1,600 रीट्वीट्स और 7,000 लाइक्स आ चुके थे.

हमें जांच में क्या मिला?

हमने रिवर्स इमेज सर्च किया और ओरिजनल फोटो 5 नवंबर 2019 की मिलीं. इस फोटो को दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर्स के बाहर दिल्ली पुलिसकर्मियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लिया गया था. दिल्ली के तीस हजारी और साकेत जिला कोर्ट में वकीलों द्वारा पुलिस से मारपीट के विरोध में पुलिसकर्मियों ने ये विरोध किया था.

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने इस फोटो को रिलीज किया था, जिसमें पुलिसकर्मी के हाथ में प्लकार्ड में लिखा है, "We Want Justice"

पुलिस क्यों कर रही थी प्रदर्शन?

2 नवंबर 2019 को, दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हो गई थी. इस झड़प ने हिंसक रूप धारण कर लिया, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे. कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया था.

दिल्ली के साकेत जिला कोर्ट में भी पुलिस और वकीलों के बीच झगड़ा रिपोर्ट किया गया था.

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. हालांकि, लीडरशिप जिस तरह से मामले को देख रही थी, उससे पुलिसकर्मी खुश नहीं थे, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्ट्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

इससे साफ होता है कि दिल्ली पुलिसकर्मियों के एक प्रदर्शन की फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

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