पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर अकसर वाद-विवाद होता रहता है. लोगों का एक समूह इसे कूटनीतिक संबंधों के लिए अहम बताते हुए जरूरी मानता है, जबकि अन्य कई लोग इन यात्राओं पर किए गए खर्चों को गैर-जरूरी मानते हुए इन पर शक जताते हैं.
क्विंट को सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही पोस्ट नजर आया, जिसमें मोदी की विदेश यात्राओं को टैक्स पेयर्स के पैसों पर किए गए खर्च बताते हुए कुछ आंकड़े दिए गए हैं. हालांकि ये आंकड़े बिलकुल गलत हैं.
दावा
एक फेसबुक पेज - I Support Ravish Kumar ने यह दावा करते हुए पोस्ट किया कि अपने ’चार साल’ के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ने 52 देशों की 41 यात्राएं कीं, और उन पर 355 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए.
सही या गलत
दावा पूरी तरह से गलत है, क्योंकि पोस्ट में लिखे गए खर्च की रकम गलत है.
हमारी पड़ताल में क्या निकला
विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की ओर से राज्यसभा में मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2018 तक, प्रधानमंत्री ने 48 यात्राओं में 53 देशों का दौरा किया था.
अगर इस आंकड़े को केवल पहले चार वर्षों के लिए माना जाए, जैसा कि पोस्ट में दावा किया गया है, तो यात्राओं की संख्या बहुत कम है.
जहां तक खर्चों का सवाल है, पोस्ट दूसरी तरफ से भी बिलकुल गलत है, क्योंकि इसमें वास्तविक खर्चों की तुलना में बहुत कम खर्च दिखाया गया है.
विदेश मंत्रालय की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पीएम मोदी की विदेश यात्राओं में कुल खर्च 2,021.65 करोड़ रुपये हैं. इसमें चार्टर्ड फ्लाइट चार्जेस, एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस चार्जेस और हॉटलाइन चार्जेस शामिल हैं.
इस मामले में भी, अगर पहले चार वर्षों के आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो कुल खर्च 1,566.58 करोड़ रुपये का आता है, जो पोस्ट में दावा किए गए 355.30 करोड़ रुपये से लगभग चार गुना ज्यादा है.
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