ADVERTISEMENTREMOVE AD

लंदन में प्रदर्शन के दौरान लगे खालिस्तान के समर्थन में नारे?

पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो गया है.

Published
story-hero-img
Aa
Aa
Small
Aa
Medium
Aa
Large

पाकिस्तान और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो गया है कि ये लंदन में भारतीय किसानों के समर्थन में हुए एक प्रदर्शन का है.

हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो सितंबर 2019 का है, और लंदन का नहीं, बल्कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर का है. इस वीडियो में लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नारे लगाते सुना जा सकता है. पीएम मोदी के यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली (UNGA) में भाषण के दौरान लोग पीएम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

ओम प्रकाश रावत (@OmPraka43229608) नाम के एक यूजर ने वीडियो ट्वीट कर लिखा है, "आंदोलन के नाम पर अल्लाह-हू-अकबर, पंजाब बनेगा खालिस्तान, कश्मीर पाकिस्तान… के नारे! ‘ये कैसे अन्नदाता हैं?’ #FarmersProtest #Khalistan #London देश द्रोही मत कहिये देश के असली अन्नदाता है! देश द्रोही यों ने किसान आंदोलन को पूरा हाईजैक कर लिया है सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर?"

कनाडाई-पाकिस्तानी लेखक तारेक फतेह ने भी वीडियो को मिलते-जुलते कैप्शन के साथ शेयर किया, जिसे हजारों लोगों ने रीट्वीट किया.

फेसबुक पर भी ये वीडियो वायरल हो गया.

राइट-विंग वेबसाइट Opindia ने भी वीडियो को रिपोर्ट किया और इसके बारे में ट्वीट किया. हालांकि, अब उन्होंने वीडियो को डिलीट कर दिया है, और स्टोरी को अपडेट कर दिया है.

क्विंट को इस वीडियो से जुड़े कई सवाल उसकी WhatsApp टिपलाइन पर भी मिले.

हमने जांच में क्या पाया?

हमने गूगल क्रोम के एक्सटेंशन InVID की मदद से वीडियो को कई कीफ्रेम्स में बांटा और उनपर रिवर्स इमेज सर्च किया.

हमने पाया कि इस वीडियो किसान आंदोलन से काफी पहले, नवंबर 2019 में भी ट्वीट किया गया था.

हमें वीडियो में एक जगह अमेरिकी झंडे पर पीएम मोदी की तस्वीर दिखी. इसके बाद, हमने कीवर्ड्स से सर्च किया और ऐसी ही तस्वीरें 27 सितंबर 2019 की मिलीं, जब वो UNGA में अपने भाषण के लिए न्यूयॉर्क में थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस प्रदर्शन को अल जज़ीरा, द वायर और नेशनल हेराल्ड समेत कई न्यूज संगठनों ने कवर किया था.

हमें इसी दिन के प्रदर्शन के दूसरे वीडियो भी ट्विटर पर मिले, जिसमें हमने काले कोट में मेगाफोन के साथ एक शख्स को देखा, जो कि वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है.

हमने देखा कि बैकग्राउंड में इमारतें भी एक-दूसरे से काफी मिलती-जुलती हैं.

हमें ऐसे और कई वीडियो मिले जिसमें बताया गया है कि ये प्रदर्शन अमेरिका में 2019 में हुआ था. हमें तारेक फतेह का 29 सितंबर 2019 को अपलोड किया एक वीडियो भी मिला, जिसमें UN बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोक लिया था.

इससे साफ होता है कि ये वायरल वीडियो अमेरिका में पीएम मोदी के खिलाफ हुए प्रदर्शन का है, न कि लंदन का.

Speaking truth to power requires allies like you.
Become a Member
Monthly
6-Monthly
Annual
Check Member Benefits
×
×