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कारगिल में प्रदर्शन का वीडियो PoK का बता किया जा रहा वायरल

वेबकूफ की पड़ताल में वायरल वीडियो लद्दाख के कारगिल का निकला

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें बड़ी संख्या में इकट्ठा हुई भीड़ नारेबाजी करती दिख रही है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ( PoK) का है. जहां लोग सेना के विरोध में उतर आए हैं.

वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि वायरल वीडियो असल में लद्दाख के कारगिल में हुए प्रदर्शन का है. ये प्रदर्शन जमीयल उल उलेमा इश्ना अशरिया कारगिल की तरफ से आयोजित किया गया था.

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दावा

12,000 फॉलोअर्स वाले Radio Chinar नाम के ट्विटर हैंडल से भी वीडियो इसी दावे के साथ शेयर की गई. वीडियो के साथ ट्वीट किए गए कैप्शन का हिंदी अनुवाद है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हजारों लोग पाकिस्तानी सेना के जुल्मों के खिलाफ इकट्ठा हुए.

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लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ समेत कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल वीडियो के की-फ्रेम को रिवर्स सर्च करने से हमें reditt वेबसाइट पर यही वीडियो मिला. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक,  कारगिल में पाकिस्तान के शिया समुदाय के नरसंहार के विरोध में प्रदर्शन हुआ था.

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Reditt पर दी गई जानकारी से क्लू लेकर हमने गूगल पर इससे जुड़े कीवर्ड सर्च किए. ऑल इंडिया रेडियो की 8 जनवरी की एक रिपोर्ट हमें मिली. जिससे पुष्टि होती है कि कारगिल में बड़ी संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की थी.

रिपोर्ट के मुताबिक 8 जनवरी को जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोग काले झंडे और पोस्टर लेकर पीओके में हो रही अल्पसंख्यकों के नरसंहार के विरोध में इकट्ठा हुए थे. ये प्रदर्शन एंजुमन जमीयर उल्लामा इसना अशरिया कारगिल संगठन की तरफ से किया गया था.

Explore Laddakh UT नाम के यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो को कारगिल में हुए प्रदर्शन का बताया गया है.

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कश्मीर के क्षेत्रीय चैनल Daily Excelsior के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर हमें प्रदर्शन का एक वीडियो मिला. वीडियो में कुछ लोग वही बैनर पकड़े दिख रहे हैं, जो वायरल वीडियो में है.

दोनों फोटोज को मिलाने पर साफ हो रहा है कि वायरल वीडियो इसी प्रदर्शन का है.

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यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन में भी इस वीडियो को 8 जनवरी को कारगिल में हुए प्रदर्शन का बताया गया है. यह प्रदर्शन अंजुमन जमीयत उल उलेमा इश्ना अशरिया कारगिल संगठन ने आयोजित किया था.

वायरल वीडियो में दिख रहे बैनर पर भी प्रदर्शन करा रहे संगठन का नाम देखा जा सकता है.

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हमें संगठन का फेसबुक पेज भी मिला जहां 9 जनवरी को प्रदर्शन की फोटो अपलोड की गई है. उर्दू में लिखे कैप्शन का हिंदी अनुवाद है - जमीयत उल उलेमा पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 11 मासूम शिया हजारा समुदाय के लोगों के नरसंहार का विरोध करती है.

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वेबकूफ ने कश्मीर के पत्रकार और एक्टिविस्ट सज्जाद कारगिली से संपर्क किया. सज्जाद की तरफ से ये पुष्टि की गई कि वीडियो कश्मीर के कारगिल में 8 जनवरी को हुए प्रदर्शन का है. सज्जाद ने अपने ट्विटर पर भी 8 जनवरी को प्रदर्शन का वीडियो शेयर किया था.

9 जनवरी को द वायर में छपी न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकियों ने 11 शिया हजारा कम्युनिटी के लोगों की हत्या कर दी, घटना के शिकार हुए सभी नाबालिग थे.

पाकिस्तान के क्वेटा में अल्पसंख्यक समुदाय ने इस घटना का विरोध किया था. मुआवजा न मिलने तक पीड़ितों के शव दफनाने से भी इंकार कर दिया गया था. विरोध तब शांत हुआ जब खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रदर्शनकारियों से मिलकर मुआवजे का वादा किया.

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पड़ताल में सामने आया कि सोशल मीडिया पर लद्दाख के कारगिल में हुए विरोध के वीडियो को PoK का बताकर शेयर किया जा रहा है

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