सोशल मीडिया पर एक डॉक्यूमेंट का स्क्रीनशॉट शेयर हो रहा है. जिसमें लिखा हुआ है कि सरकारी कर्मचारियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जाएगी, ताकि सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना करने वाले पोस्ट पर निगरानी रखी जा सके.
क्या है दावा?: स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पंजाब (Punjab) के सीएम भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है.
(स्क्रीनशॉट देखने के लिए बाईं ओर स्वाइप करें)
किसने-किसने किया है शेयर?: इस सर्कुलर को पॉलिटिकल एक्टिविस्ट अदनान अली खान, भारतीय जनता पार्टी (BJP) गुजरात के मीडिया हेड जुबिन अशरा, राइटविंग वेबसाइट OpIndia और MeghUpdates के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है. और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया गया है कि वो सरकारी कर्मचारियों को परेशान कर रही है.
वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने भी इस दावे को ट्विटर पर शेयर किया था. हालांकि, बाद में एक अन्य ट्वीट के जरिए उन्होंने गलती को सही किया था. The Tribune ने भी इस सर्कुलर पर रिपोर्ट की थी, हालांकि बाद में इसे हटा लिया गया.
लेकिन क्या पंजाब में AAP सरकार ने जारी किया ये सर्कुलर?: नहीं, ये डॉक्यूमेंट जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी किए गए निर्देशों से संबंधित है.
क्विंट हिंदी ने जम्मू के डिजिटल मीडिया वेंचर The Straight Line के मैनेजिंग डायरेक्टर सैयज जुनैद हाशमी से संपर्क किया. हाशमी ने हमारे साथ पूरा डाक्यूमेंट शेयर किया और कहा कि इसमें जम्मू-कश्मीर के चीफ सेक्रेटरी अरुण कुमार मेहता की ओर से 17 जनवरी आयोजित की गई मीटिंग में क्या-क्या हुआ, वो सब दिखाया गया है.
हमने कैसे सच का पता लगाया?: वायरल दावे से जुड़ी जानकारी सर्च करते समय हमें AAP पंजाब के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से किया गया एक ट्वीट मिला.
इस ट्वीट में पार्टी की ओर से इस नोटिफिकेशन को 'फेक' बताते हुए कहा गया था कि ये नोटिफिकेशन जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जारी किया गया है. लेकिन ''इसे पंजाब सरकार से जोड़कर गलत दावे से पेश किया जा रहा है.''
यहां से क्लू लेकर हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जारी किए गए इस नोटिफिकेशन से जुड़ी रिपोर्ट्स सर्च कीं.
Indian Express ने सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा है कि ये नोटिफिकेशन जम्मू-कश्मीर में 17 फरवरी को हुई एक मीटिंग के बाद आया, जिसे चीफ सेक्रेटरी एके मेहता ने पास किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग में कुछ सरकारी कर्मचारियों की ओर से सरकार की नीतियों और उपलब्धियों की ''आलोचना'' करने और सोशल मीडिया पर ''सरकार के खिलाफ टिप्पणी'' करने के बारे में बताया गया था.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि मेहता ने सभी प्रशासनिक सचिवों को कर्मचारियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखने और इस संबंध में नोटिस जारी करने के निर्देश जारी किए थे.
पूरा डाक्यूमेंट: क्विंट को जम्मू-कश्मीर के पत्रकार सैयद जुनैद हाशमी की मदद से पूरा डॉक्यूमेंट मिला.
डॉक्यूमेंट में मीटिंग में जिन बिंदुओं पर बात हुई थी, उनक बारे में बताया गया था. इसमें खाली प्रशासनिक पदों को भरने, राज्य में बेरोजगारी दूर करने, भर्ती अभियान चलाने और सरकारी कर्मचारियों के सोशल मीडिया हैंडल्स से सरकार के खिलाफ बोलने से जुड़े मुद्दे शामिल थे.
नीचे आप वो पूरा पेज देख सकते हैं जो वायरल दावे में इस्तेमाल हुआ है. इसमें जम्मू-कश्मीर सर्विस सेलेक्शन एंड रिक्रूटमेंट बोर्ड (JKSSRB) और जम्मू-कश्मीर पब्लिक सर्विस कमीशन के बारे में बताया गया है.
इसके अलावा, जुनैद ने पुष्टि की कि डॉक्यूमेंट में प्रशासन विभाग के चीफ सेक्रेटरी अरुण कुमार मेहता की ओर से जम्मू में आयोजित की गई एक मीटिंग से जुड़ी जानकारी है.
निष्कर्ष: सरकारी कर्मचारियों के सोशल मीडिया अकाउंट की निगरानी से जुड़ा सर्कुलर जम्मू में आयोजित एक मीटिग का है, जिसे इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये पंजाब में आम आदमी पार्टी की ओर से जारी किए निर्देशों को दिखाता है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)