प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की फोटो के साथ सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है. दावे में कहा जा रहा है कि कतर (Qatar) ने अक्टूबर में 'नौसेना के जिन 8 पूर्व सैनिकों को मौत की सजा दी थी, उसे रद्द कर दिया है.'
पीएम मोदी ने 1 दिसंबर को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की है. ऐसे में ये दावा किया जा रहा है.
सच क्या है?: विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने क्विंट से पुष्टि की कि कतर ने भारतीय नैसेना के 8 पूर्व अधिकारियों की मौत की सजा रद्द करने का ऐसा कोई फैसला नहीं सुनाया है.
इसके अलावा, अधिकारियों के परिवार के करीबी सूत्रों ने भी इस दावे को गलत बताया है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: जरूरी कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे ये दावा सही साबित हो.
हमने कतर के विदेश मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट भी देखी. यहां भी हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
हमने सैनिकों के परिवार के करीबी सूत्रों से भी संपर्क किया, जिन्होंने वायरल दावे को गलत बताया.
इस मामले पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की ओर से जो नया अपडेट है वो ये है कि वो 8 पूर्व सैनिकों के परिवारों से संपर्क में हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि सरकार 'उनकी रिहाई सुनिश्चिच करने के प्रयास' कर रही है.
हमने विदेश मंत्रालय के सूत्रों से संपर्क किया: सूत्र ने पुष्टि की कि कतर की ओर से 8 पूर्व भारतीय नौसेना सैनिकों की मौत की सजा रद्द करने के बारे में ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया गया है.
सूत्र ने कहा, ''दावे झूठे हैं और मैं सलाहू दूंगा कि हम अटकलों से बचें. कतर की अदालत ने अपील पर सुनवाई जारी रखी हुई है.''
क्या था मामला?: 26 अक्टूबर को कतर कोर्ट ने नौसेना के 7 पूर्व अधिकारियों और एक नाविक सहित 8 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई.
ये पूर्व सैनिक एक निजी कंपनी अल दाहरा में काम करते थे.
कतर के अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि ये पूर्व नौसैनिक अधिकारी इजरायल के लिए कतर के गुप्त पनडुब्बी कार्यक्रम की जासूसी कर रहे थे. इसके बाद इन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया.
इन 8 भारतीयों की पहचान इस प्रकार है- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, नाविक रागेश.
निष्कर्ष: ये दावा झूठा है कि कतर ने हाल ही में 8 पूर्व भारतीय नौसेना सैनिकों की मौत की सजा रद्द कर दी है.
(स्टोरी में प्रणय दत्ता रॉय से मिले इनपुट भी शामिल हैं.)
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