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Palestine के समर्थन में Qatar ने नहीं दी दुनिया को गैस सप्लाई बंद करने की धमकी

कतर के प्रमुख शेख तमीम बिन हामिद अल थानी के 6 साल पुराने वीडियो का अधूरा हिस्सा गलत दावे से शेयर किया जा रहा है

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सोशल मीडिया पर कतर के प्रमुख शेख तमीम बिन हामिद अल थानी के भाषण का एक हिस्सा वायरल है. इस वीडियो को हमास (Hamas) और इजरायल (Israel) के बीच चल रहे युद्ध से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

दावा : किया जा रहा है कि इस वीडियो में शेख तमीम फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं और ये धमकी दे रहे हैं कि अगर इजरायल ने फिलिस्तीन पर हमले बंद नहीं किए तो वो दुनिया भर को कतर से होने वाली गैस सप्लाई रोक देंगे.

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X (पूर्व में ट्विटर) पर कई ब्लू सब्सक्राइबर्स ने वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किया है. फेसबुक पर भी ये दावा बड़े पैमाने पर वायरल है, अर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

क्या ये सच है ? : वायरल वीडियो का इजरायल - फिलिस्तीन के बीच चल रहे हालिया तनाव और इजरायल-हमास के बीच चल रहे हालिया युद्ध से कोई संबंध नहीं है. वीडियो साल 2017 से ही इंटरनेट पर है, यानी हाल में चल रहे विवाद से पूरे 6 साल से भी ज्यादा पुराना है.

वीडियो में कतर के प्रमुख फिलिस्तीन से पलायन कर रहे लोगों को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने अपने भाषण में गैस सप्लाई बंद करने जैसी कोई बात नहीं कही.

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हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : चूंकि ये भाषण अरबी भाषा में था, तो हमने अरबी समझने वाले एक शख्स से भाषण का अनुवाद कराया. पता चला कि वायरल क्लिप में कतर के प्रमुख कह रहे हैं ''फिलिस्तीन का मुद्दा अपनी जमीन से अलग हुए और अपनी मातृभूमि से विस्थापित लोगों के मुद्दे के रूप में शुरू हुआ''

वायरल वीडियो को इनविड एक्सटेंशन की मदद से गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें Aljazeera Mubasher के यूट्यूब चैनल पर 14 मई 2017 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. ये वीडियो वायरल हो रही क्लिप का थोड़ा लंबा वर्जन था.

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वीडियो के टाइटल और डिस्क्रिप्शन से साफ हो रहा है कि भाषण के इस हिस्से में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हामिद अल थानी ने फिलिस्तीन शरणार्थियों पर बात की है. हालांकि, टाइटल और डिस्क्रिप्शन में कहीं भी गैस सप्लाई से जुड़ी किसी बात का जिक्र नहीं है.

इसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा. ''शरणार्थी संकट क्षेत्रीय संघर्ष, गृह युद्ध और नस्लीय, जातीय, सांप्रदायिक आधार पर हो रहे अत्याचार का नतीजा है. उनमें से कुछ दशकों पुराने हैं, जैसे 1948 में फिलिस्तीनी नकबा में फिलिस्तीनी शरणार्थियों का विस्थापन, जिसका उल्लेख इन दिनों किया जाता है. इसलिए यह कहना सही है कि फिलिस्तीनी मुद्दा अपनी जमीन से अलग किए गए लोगों के मुद्दे के रूप में शुरू हुआ. उनकी जमीन और उनकी मातृभूमि से उनका विस्थापन, जिसमें हाल की घटनाएं भी शामिल हैं, जैसे कि इराकी शरणार्थियों का मामला.''

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वीडियो के साथ दी गई जानकारी से पता चला कि ये '17वें दोहा फोरम' कार्यक्रम में दिया गया भाषण है. हमने इस कार्यक्रम से जुड़ी तमाम न्यूज रिपोर्ट्स देखीं, रिपोर्ट्स में कतर प्रमुख के उस भाषण का तो जिक्र है जिसमें उन्होंने फिलिस्तीनी शरणार्थियों को लेकर चिंता व्यक्त की. लेकिन, किसी भी रिपोर्ट में ये जिक्र हमें नहीं मिला कि शेख तमीम बिन हामिद अल थानी ने गैस सप्लाई रोकने की बात कही. 2017 के दोहा फोरम का ये पूरा भाषण भी हमने सुना.

भाषण में फिलिस्तीनियों की परेशानियों पर बात की गई है, पर इसमें कहीं भी गैस सप्लाई रोकने की चेतावनी नहीं दी गई है. जैसा कि दावा किया जा रहा है.

गौर करने वाली बात ये भी है कि ये वीडियो 6 साल पुराना है और इसका हालिया युद्ध से कोई संबंध नहीं है.
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निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा सच नहीं है कि कतर ने फिलिस्तीन पर इजरायल के हमले बंद ना होने की सूरत में दुनिया भर की गैस सप्लाई रोकने की चेतावनी दी है.

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