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राहुल गांधी की राष्ट्रीयता पर सवाल करने वाला ये आर्टिकल अमेरिका में नहीं छपा

आर्टिकल की फोटो शेयर कर दावा किया गया कि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक न्यूजपेपर ने ये आर्टिकल छापा है.

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कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से जुड़ी एक न्यूजपेपर कटिंग की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें लिखा है, ''अमेरिकी पूछ रहे हैं कि राहुल भारत से हैं या पाकिस्तान से''.

क्या है दावा?: इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अमेरिका में राहुल गांधी के हालिया दौरे के बाद सैन फ्रांसिस्को के एक न्यूजपेपर ने ये आर्टिकल पब्लिश किया है.

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

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सच क्या है?: वायरल न्यूजपेपर की कटिंग में जो आर्टिकल इंग्लिश में दिख रहा है, असल में वो एक हिंदी आर्टिकल का अनुवाद है.

  • आर्टिकल में दिख रहे टेक्स्ट में शब्दों का आकार एक जैसा नहीं है. वो कहीं बड़े तो कहीं छोटे हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि स्क्रीनशॉट में दिख रहा आर्टिकल इंग्लिश में अनुवादित किया गया है.

  • हालांकि, हम इस आर्टिकल के सोर्स का पता नहीं कर पाए, लेकिन ऐसा कोई भी आर्टिकल सैन फ्रांसिस्को के किसी भी न्यूजपेपर ने पब्लिश नहीं किया है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: सबसे पहले हमने वायरल आर्टिकल को ध्यान से देखा तो पाया कि इसमें दिख रहे टेक्स्ट का आकार और फॉन्ट एक जैसा नहीं है.

  • इसके बाद, हमने इंग्लिश हेडलाइन को हिंदी में अनुवाद किया, जो इस प्रकार है, ''अमेरिकी पूछ रहे हैं कि राहुल भारत से हैं या पाकिस्तान से?"

  • इसके बाद, इसे गूगल पर सर्च करने पर, हमें ट्विटर पर कई पोस्ट मिले जिसमें न्यूज आर्टिकल की एक ऐसी ही फोटो मिली, जिसमें हिंदी में लिखा हुआ था.

  • इस हिंदी वर्जन में टेक्स्ट या फॉन्ट में किसी भी तरह का अंतर नहीं था, जिससे हमें क्लू मिला कि ये असली आर्टिकल हो सकता है.

हिंदी आर्टिकल किस बारे में था?: इस आर्टिकल में राहुल गांधी के अमेरिका दौरे का जिक्र था.

  • इसमें पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को लेकर राहुल गांधी के आलोचनात्मक दृष्टिकोण का जिक्र है, जहां राहुल ने भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे भेदभाव के बारे में बात की थी.

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  • इसके अलावा, आर्टिकल में इस बारे में भी लिखा गया है कि सभा में खालिस्तान समर्थन में नारे लगाए जाने पर मुस्कुराने लगे.

  • आर्टिकल के मुताबिक, नारेबाजी को लेकर राहुल की इस प्रतिक्रिया पर उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा.

निष्कर्ष: हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से हिंदी आर्टिकल का सोर्स नहीं पता कर पाए, लेकिन ये साफ है कि ये आर्टिकल सैन फ्रांसिस्को के किसी भी न्यूजपेपर में नहीं पब्लिश हुआ.

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