ADVERTISEMENT

एक दरगाह पर 100 करोड़ रुपये खर्च रही राजस्थान सरकार? झूठा है दावा

राजस्थान सरकार ने 100 करोड़ का बजट हिंदू, मुस्लिम, सिख और जैन समुदाय के धार्मिक स्थलों के लिए आवंटित किया

Updated
एक दरगाह पर 100 करोड़ रुपये खर्च रही राजस्थान सरकार? झूठा है दावा
i

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने एक दरगाह के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. मैसेज में राजस्थान सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया जा रहा है. मैसेज के साथ राजस्थान पत्रिका में छपे एक विज्ञापन की कटिंग भी वायरल है, जिसमें मुस्लिम तीर्थ स्थलों के लिए बजट आवंटन करने को लेकर गहलोत सरकार को धन्यवाद दिया गया है.

वेबकूफ की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. दरअसल, राजस्थान सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट सिर्फ दरगाह के लिए नहीं, बल्कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और जैन धर्म से जुड़े कई धार्मिक स्थलों को आपस में जोड़ने के लिए शुरू किए गए प्रोजेक्ट के लिए आवंटित किया है.

ADVERTISEMENT

दावा

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने लिखा, राम मंदिर के लिये हम हिन्दू घर-घर जाकर धन जोड़ रहें हैं। और दूसरी तरफ राजस्थान सरकार ने एक दरगाह के लिए 100 करोड़ रुपए दे दिए। आगे चलकर इसी दरगाह में हिंदुओं की बर्बादी की दुआ मांगी जाएगी।

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ ट्विटर
ADVERTISEMENT
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ फेसबुक
ADVERTISEMENT
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें 
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ फेसबुक
ADVERTISEMENT

कुछ मैसेजेस में ये भी दावा किया गया है कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने हाजी अली दरगाह के सौंदर्यीकरण के लिए 45 करोड़ रुपये बजट आवंटित किया है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें 
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ ट्विटर
ADVERTISEMENT
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें 
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ ट्विटर
ADVERTISEMENT
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
सोर्स : स्क्रीनशॉट/ ट्विटर
ADVERTISEMENT

पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल मैसेज में दो दावे किए गए हैं, पहला ये कि राजस्थान सरकार एक दरगाह पर 100 करोड़ रुपये का बजट खर्च कर रही है. दूसरा ये कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार हाजी अली दरगाह पर 45 करोड़ खर्च कर रही है. हमने एक-एक कर दोनों दावों की पड़ताल की.

पहला दावा- एक दरगाह पर 100 करोड़ खर्च कर रही गहलोत सरकार

दावे की पुष्टि के लिए हमने राजस्थान सरकार के बजट से जुड़ी रिपोर्ट्स सर्च कीं. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में राजस्थान सरकार ने टूरिज्म पर 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में बताया था कि पर्यटन के लिए आवंटित किए गए 500 करोड़ रुपये में धार्मिक पर्यटन स्थलों का भी विकास किया जाएगा. पीटीआई की इस रिपोर्ट में ऐसा जिक्र नहीं है कि सरकार ने किसी एक धार्मिक स्थल पर 100 करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की.

ADVERTISEMENT

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान सरकार ने बजट में पर्यटन के लिए जो 500 करोड़ रुपये आवंटित किए, उनमें से 100 करोड़ रुपये धार्मिक पर्यटन के लिए हैं.

जिन धार्मिक पर्यटन स्थलों पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, उनमें कौन-कौन से स्थल शामिल हैं. ये जानने के लिए हमने राजस्थान सरकार के वित्त विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध बजट डॉक्यूमेंट चेक किया. बजट डॉक्यूमेंट के पॉइंट नंबर 213 में स्पष्ट बताया गया है कि इनमें हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख और मुस्लिम धर्म से जुड़े स्थलों को आपस में जोड़ने के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू होगा. ‘सर्वधर्म समभाव’ को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए इसी प्रोजेक्ट पर 100 करोड़ खर्च होंगे.

राजस्थान सरकार के वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट डॉक्यूमेंट का अंश
सोर्स: स्क्रीनशॉट/ वेबसाइट/ वित्त विभाग, राजस्थान सरकार

हमने पॉलिटिक्स कवर करने वाले दैनिक भास्कर राजस्थान के विशेष संवाददाता हर्ष खटाना से भी संपर्क किया. क्विंट हिंदी से बातचीत में उन्होंने वायरल हो रहे मैसेज को भ्रामक बताते हुए कहा कि राजस्थान सरकार किसी एक धार्मिक स्थल पर 100 करोड़ खर्च नहीं कर रही है. जिस प्रोजेक्ट के लिए बजट से 100 करोड़ रुपये आवंटित हुए, उसमें हिंदू, जैन, मुस्लिम और सिख समुदाय के धार्मिक स्थल शामिल हैं.

मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि राजस्थान सरकार सिर्फ एक दरगाह पर 100 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.

ADVERTISEMENT

अखबार के विज्ञापन की इस कटिंग का सच क्या है?

वायरल हो रही क्लिप में ऊपर राजस्थान पत्रिका और तारीख 12, मार्च 2021 दिख रही है. हमने इस तारीख का राजस्थान पत्रिका का जोधपुर संस्करण ई-पेपर के जरिए चेक किया. अखबार में 12 मार्च को ये विज्ञापन प्रकाशित हुआ है. नीचे विज्ञापन दाताओं के नाम भी लिखे हैं. विज्ञापन में सिर्फ इस्लाम से जुड़े धार्मिक स्थलों का जिक्र है. जबकि असल में 100 करोड़ का ये बजट मुस्लिम, हिंदू, जैन और सिख समुदाय के धार्मिक स्थलों से जुड़े एक प्रोजेक्ट के लिए आवंटित हुआ है.

ADVERTISEMENT

दूसरा दावा - उद्धव सरकार ने हाजी अली दरगाह पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए?

द हिंदू की 13 फरवरी, 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाजी अली दरगाह के आसपास से अतिक्रमण हटाने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने का आदेश दिया. रिपोर्ट में ये भी जिक्र है कि महाराष्ट्र सरकार हाजी अली के सौंदर्यीकरण से जुड़े प्रोजेक्ट पर 30-35 करोड़ रुपए खर्च करेगी.

अगस्त, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि ट्रस्ट ने सौंदर्यीकरण को लेकर जो प्रस्ताव दिया है, उस पर प्रशासन साल (2017) के आखिर तक अमल करें. कोर्ट के आदेश के तीन साल बाद तक भी हाजी अली के सौंदर्यीकरण को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका. महाराष्ट्र सरकार में मुंबई शहर के पालक मंत्री असलम शेख ने 12 फरवरी, 2020 को संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रोजेक्ट में तेजी लाने के निर्देश दिए थे.

मतलब साफ है कि मुंबई की हाजी अली दरगाह पर 35 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं ये बात सही है, लेकिन दरगाह के सौंदर्यीकरण का ये मामला अगस्त, 2017 से ही लंबित है. जब महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार थी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं थे.

मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि राजस्थान सरकार सिर्फ एक दरगाह पर 100 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×