सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार सिर्फ अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या (Rohingya) प्रवासियों का Covid-19 वैक्सीनेशन कर रही है, लेकिन पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों का नहीं.
हालांकि, क्विंट की वेबकूफ टीम की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. राजस्थान सरकार ने 28 मई को हाई कोर्ट के आदेश के बाद सभी शरणार्थियों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है. इसके पहले, सरकार रोहिंग्या मुस्लिमों को वैक्सीन नहीं लगा रही थी.
दावा
कई सोशल मीडिया यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं, "राजस्थान में पाकिस्तान से जान बचा कर आए हिंदुओं को वैक्सीन नहीं, मुस्लिम आबादी के टीकाकरण के लिए स्पेशल प्रोग्राम. राजस्थान हाई कोर्ट ने पाक विस्थापित हिंदू प्रवासियों का कोरोना वैक्सीनेशन न कराए जाने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई है !"
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने इस संबंध में न्यूज रिपोर्ट्स ढूंढने की कोशिश की, ताकि ये जान सकें कि राजस्थान सरकार पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों का वैक्सीनेशन कर रही है या नहीं. हमें Outlook पर 5 जून को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट में बताया गया है कि जयपुर में रोहिंग्या शरणार्थियों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया, क्योंकि उनके पास आधार कार्ड नहीं है. हालांकि, उनके पास संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) की ओर से दिया गया कार्ड है.
जहां तक पाकिस्तानी हिंदुओं शरणार्थियों का सवाल है, उनके पास आधार कार्ड या दूसरे निर्धारित डॉक्युमेंट न होने की वजह से राज्य में वैक्सीन नहीं दी जा रही थी. लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट के 28 मई के आदेश के बाद राज्य ने उनको वैक्सीन देनी शुरू कर दी है.
हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि पाकिस्तान शरणार्थी, केंद्र सरकार की स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (SOP) के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन के पात्र हैं. ये SOP 6 मई को जारी किया गया था.
हमने प्रोजेक्ट डायरेक्टर (इम्यूनाइजेशन) डॉ. रघुराज सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि ये दावा झूठा है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद, राज्य की पूरी आबादी के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है. भले ही, उनके पास डॉक्युमेंट हों या न हों.
‘’पहले, ‘नागरिक’ शब्द की वजह से भ्रम की स्थिति थी, क्योंकि ये भारतीय नागरिकता की ओर इशारा करता है. इसलिए, सिर्फ भारतीय नागरिक ही टीका लगवा रहे थे. हालांकि, 28 मई के हाईकोर्ट के आदेश के बाद, सभी को वैक्सीन देने की शुरुआत कर दी गई. इनमें वो रोहिंग्या मुस्लिम और पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी भी शामिल हैं, जिनके पास आदेश के मुताबिक निर्धारित डॉक्युमेंट नहीं हैं.डॉ. रघुराज सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर (इम्यूनाइजेशन), मेडिकल ऐंड हेल्थ सर्विसेज, राजस्थान
बिना डॉक्युमेंट के भी सभी के लिए वैक्सीनेशन
6 मई की SOP के मुताबिक, जिनके पास जरूरी फोटो आईडी प्रूफ नहीं है, वो भी असुरक्षित हैं और उनका वैक्सीनेशन किया जाना चाहिए.
हमने राजस्थान में रिपोर्टर तबीन अंजुम से बात की. उन्होंने हमें बताया कि सीमांत लोक संगठन ने 13 मई को हाईकोर्ट के समक्ष एक ऐप्लिकेशन दिया था. इसमें राजस्थान में रह रहे पाकिस्तान से आए करीब 25000 हिंदू शरणार्थियों के लिए वैक्सीन की मांग की गई थी. ये संगठन 30 सालों से भी ज्यादा समय से पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के अधिकारों के लिए काम कर रहा है.
अंजुम ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद, 18 साल से ऊपर के सभी लोगों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया. इनमें वो रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल हैं जिनके पास कोई डॉक्युमेंट नहीं है.
‘’कुछ पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को अभी भी वैक्सीन दी जा रही थी, क्योंकि कुछ के पास जरूरी डॉक्युमेंट थे. लेकिन, रोहिंग्याओं को वैक्सीन दिए जाने के संबंध में कोई ऑफिशियल ऑर्डर नहीं था. इसलिए, किसी को भी वैक्सीन नहीं मिली. कोर्ट के आदेश की वजह से राज्य ने सभी का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया. इसमें रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल थे. वैक्सीनेशन 6 जून से शुरू हुआ था.’’तबीना अंजुम, आउटलुक रिपोर्टर
रिपोर्टर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाड़मेर कलेक्टर लोक बंधु ने भी उन्हें बताया कि राजस्थान के मुख्य सचिव और हेल्थ डिपार्टमेंट के आदेश के बाद उन्होंने पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है.
मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा भ्रामक है कि राजस्थान सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को तो वैक्सीन लगा रही है, लेकिन पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को नहीं. राजस्थान में सभी को वैक्सीन दी जा रही है.
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