सोशल मीडिया पर राजस्थान (Rajasthan) के चुरू जिले का एक वीडियो वायरल है, जिसमें बाइक पर बैठा ट्रैफिक पुलिसकर्मी जनता को अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़ता है. पुलिसकर्मी को बताते हुए सुना जा सकता है कि किसी मंत्री के करीबी शख्स ने उनके साथ अभद्रता की. हालांकि, वो किस मंत्री की बात कर रहे हैं ये वीडियो में स्पष्ट नहीं हो रहा.
दावा : वीडियो को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग के साथ शेयर किया जा रहा है. शेयर हो रहा कैप्शन है - चूरू(राजस्थान) में गाड़ी हटाने की बात पर विशेष धर्म के युवक ने की हिंदू ट्रैफिक पुलिसकर्मी से अभद्रता, कहा: मंत्रीजी की कोठी पर आ जाना, घबराया पुलिसकर्मी सड़क पर ही फूट-फूट कर लगा, ये है कांग्रेस राज मे पुलिस तक की हालत तो आम आदमी का क्या होगा.
क्या ये सच है ? : वीडियो को लेकर किया जा रहा सांप्रदायिक दावा सरासर गलत है. वायरल वीडियो में दिख रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसका नाम नरेंद्र सिंह है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : राजस्थान में ट्रैफिक पुलिसकर्मी के रोने से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स सर्च करने पर हमें दैनिक भास्कर पर छपी 19 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में दिख रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैड कॉन्सटेबल जगवीर सिंह हैं. उन्होंने बताया कि नया बस स्टैंड रोड पर जाम लगा हुआ था. जिस कार के कारण जाम की स्थिति बनी थी, जब हैड कॉन्सटेबल ने उसके ड्राइवर नरेंद्र सिंह को समझाने की कोशिश की, तो वो अभद्रता करने लगा. कार ड्राइवर ने हेड कॉन्सटेबल को मंत्री की कोठी पर बुलाने और ट्रांसफर कराने की धमकी भी दी.
हमें चुरू पुलिस की तरफ से 19 अप्रैल को किया गया एक ट्वीट भी मिला, जिसमें बताया गया है कि पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले आरोपी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया. ये ट्वीट राजस्थान पुलिस के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से रीट्वीट भी किया गया है.
मामले को लेकर आरोप लगे थे कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी से दुर्व्यवहार करने वाला शख्स राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता राजेंद्र राठौर का करीबी है. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह ने ट्वीट कर राजेंद्र राठौर पर निशाना भी साधा था. इसके जवाब में राजेंद्र राठौर ने भी घटना की निंदा की थी.
हमने राजस्थान के चुरू में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा से संपर्क किया है, उनका जवाब आते ही इस फैक्ट चेक रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा सरासर गलत है कि राजस्थान में हिंदू ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ किसी दूसरे धर्म के शख्स ने दुर्व्यवहार किया. मामले को गलत सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है.
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