सोशल मीडिया पर सैनिक की शवयात्रा का वीडियो राजस्थान के दलित बच्चे इंद्र मेघवाल (Indra Meghwal) का बताकर वायरल है. इंद्र के शिक्षक ने कथित तौर पर 20 जुलाई को सिर्फ इस वजह से उसे पीटा था, क्योंकि उसने पानी के घड़े को छू लिया था.
सुराना गांव के सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ने वाले इंद्र ने 13 अगस्त को अपने टीचर के दिए गहरे जख्मों से लड़ते-लड़ते जान गंवा दी थी. पुलिस ने शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया था, हालांकि जाति से जुड़े किसी भी एंगल की पुष्टि अभी पुलिस ने नहीं की है. ये घटना मेन स्ट्रीम मीडिया में आई और खूब आलोचना भी हुई कि आजादी के 75 सालों बाद भी देश में जाति आधारित हिंसा से जूझ रहा है.
दावा
सोशल मीडिया पर ये वीडियो इंद्र मेघवाल की शवयात्रा का बताकर वायरल है,
पड़ताल में हमने क्या पाया ?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगलक्रोम के इनविड एक्सटेंशन पर रिवर्स सर्च करने हमें यूट्यूब पर 15 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. ये वीडियो Akhileshiyans नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था. ये वीडियो वायरल हो रहे वीडियो का थोड़ा साफ वर्जन है और इसमें बताया गया है कि ये उत्तरप्रदेश के जौनपुर के रहने वाली भारतीय सेना के जवान जिलाजीत यादव की शवयात्रा है.
यहां से क्लू लेकर हमने यूट्यूब पर अलग-अलग कीवर्ड सर्च किए. हमें 'NYOOOZ UP-Uttarakhand' यूट्यूब चैनल पर 5 मिनट का वीडियो मिला, जिसमें 23 सेकंड के बाद 'जिलाजीत भैया अमर रहें' का नारा सुना जा सकता है.
मामले से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स सर्च करने पर पता चला कि जिलाजीत यादव साल 2020 में पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों की मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.
साफ है कि, सैनिक की शवयात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर दलित बच्चे इंद्र मेघवाल की शवयात्रा का बताकर गलत दावे के साथ वायरल है.
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