राजघाट पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) का 2 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे से वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि राजीव गांधी जब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की समाधि पर गए थे, तब उनकी सुरक्षा में लगी एसपीजी ने एक शख्स को गोलियों से भून दिया था, बाद में पता चला था कि वो एक भिखारी था.
वीडियो हाल में पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध के मामले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. जब फिरोजपुर में नरेंद्र मोदी के काफिला प्रदर्शनकारियों की वजह से 15-20 मिनट तक आगे नहीं बढ़ पाया था.
हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि AP के वीडियो के साथ शेयर की जा रही कहानी पूरी तरह मनगढ़ंत है. वीडियो राजीव गांधी पर 2 अक्टूबर, 1986 को हुए जानलेवा हमले के वक्त का है. इस घटना में 6 लोग घायल हुए थे, लेकिन किसी की भी मौत नहीं हुई थी.
मामले में आरोपी की पहचान करमजीत सिंह के रूप में हुई थी, जिसपर हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज हुआ था. आरोपी को 14 साल की सजा हुई थी. साल 2000 में करमजीत सिंह जेल से रिहा हो गया था.
दावा
वीडियो के साथ शेयर हो रहा मैसेज है - राजीव गांधी प्रधानमंत्री थेराजघाट पर प्रार्थना के लिए गए, तभी झाड़ियों में कुछ हलचल हुई एक व्यक्ति SPG को नजर आया और उस व्यक्ति को गोलियों से भून डाला गया बाद में पता चला कि वह व्यक्ति एक भिखारी था जो रात को वही राजघाट पर सो जाता था
और ये कहते है राजीव को डर नहीं लगता था
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने AP Archives के यूट्यूब चैनल पर कीवर्ड्स के जरिए ये वीडियो सर्च करना शुरू किया. हमें 1:57 का वह ओरिजनल वीडियो मिला, जिसका हिस्सा सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
AP Archives पर ये वीडियो 4 अक्टूबर 2018 को पब्लिश हुआ था. वीडियो के टाइटल में बताया गया है कि गांधी जयंति पर राजीव गांधी पर हमला हुआ था.
डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि, 2 अक्टूबर 1986 को दिल्ली में एक सिख व्यक्ति ने राजीव गांधी पर हमला किया, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था.
संबंधित कीवर्ड्स सर्च कर हमने इस मामले से जुड़ी कुछ न्यूज रिपोर्ट्स भी देखीं.
वॉशिंगटन पोस्ट की 3 अक्टूबर, 1986 की रिपोर्ट के मुताबिक ''प्रधानमंत्री से लगभग 70 गज की दूरी पर घनी झाड़ियों में छिपकर एक पिस्तोल से उनपर हमला किया गया'' रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इस घटना में छह लोग घायल हुए थे.
द न्यूयॉर्क टाइम्स और एसोसिएट प्रेस पर भी हमें इस घटना की रिपोर्ट्स मिलीं.
5 अक्टूबर, 1986 को पब्लिश हुई NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर की पहचान करमजीत सिंह के रूप में हुई थी. करमजीत का किसी चरमपंथी संगठन से कोई लिंक सामने नहीं आया था, लेकिन 1984 में सिख विरोधी दंगों में अपने दोस्त की हत्या का बदला लेना चाहता था.
इंडिया टुडे मैगजीन में 31 अक्टूबर, 1986 में छपी स्टोरी भी इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मिली. इस घटना की फोटो भी हमें मिली, जिसमें सरेंडर करते करमजीत का भी फोटो शामिल है.
IANS की 30 मार्च 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक 'हत्या के प्रयास' करने के आरोप में सिंह को 14 साल की सजा सुनाई गई थी, साल 2000 में उसे रिहा कर दिया गया था.
हमने यूट्यूब पर इस घटना से जुड़े और वीडियो सर्च किए. हमें Living India News यूट्यूब चैनल पर मनजिंदर सिंह का एक इंटरव्यू मिला. इंटरव्यू में मनजिंदर बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का प्लान बनाया. और किस तरह उनकी हर गतिविधियों पर नजर रखकर साल भर तक इसकी प्लानिंग की.
साफ है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हुए जानलेवा हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर एक मनगढंत कहानी के साथ वायरल हो रहा है.
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