सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हजारों की भीड़ रोड पर चलती नजर आ रही है. वीडियो में बैकग्राउंड में माइक से बोलते किसी शख्स की आवाज सुनाई दे रही है. वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हाल में हुई त्रिपुरा (Tripura) में हिंसा के खिलाफ केरल (Kerala) में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो केरल का ही है,लेकिन इसका हाल में त्रिपुरा के हालात से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि ये वीडियो जनवरी 2020 का है. तब CAA-NRC के खिलाफ पलक्कड़ जिले के मन्नारकाड में लोगों ने प्रोटेस्ट किया था.
दावा
वीडियो शेयर कर ये दावे में लिखा जा रहा है, ''Kerala Muslims protest against Tripura Violence
(अनुवाद- त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ केरल में मुस्लिमों का प्रोटेस्ट)

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
पड़ताल में हमने क्या पाया
वीडियो में माइक से बोलते एक शख्स की आवाज आ रही है. हमने क्विंट की रिपोर्टर निखिला से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि वीडियो में मलयालम में बोला जा रहा है. उन्होंने वीडियो सुनकर बताया कि माइक में बोलते शख्स की बातें सुनकर पता चला कि ये वीडियो केरल के मन्नारकाड का है. उन्होंने बताया कि ये वीडियो CAA-NRC के खिलाफ हो सकता है. क्योंकि इसमें 'आजादी' के नारे लग रहे हैं.
उन्होंने ये भी बताया कि माइक में बोलते शख्श की बातें सुनकर लग रहा है कि ये रैली संघ परिवार के खिलाफ है और मलयालम में ये भी बोला जा रहा है कि हम इसी मिट्टी पर पले हैं और इसी में मरेंगे.
यहां से क्लू लेकर हमने घटना से जुड़े जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर गूगल पर सर्च किया. हमें यही वीडियो मिला, जो एक साल पहले इंटरनेट पर अपलोड किया गया था. इसे इंस्टाग्राम एडिटर वेबसाइट Picuki पर अपलोड किया गया था. कैप्शन के मुताबिक ये वीडियो मन्नारकाड का है.

कैप्शन के मुताबिक ये वीडियो मन्नारकाड का है.
(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Picuki)
दोनों वीडियो में कुछ चीजें एक जैसी मिलीं, जैसे आगे चलती हुई जीप और पीछे झंडा पकड़े और होर्डिंग पकड़े लोगों के साथ चलती भीड़. दोनों के बीच तुलना आप नीचे देख सकते हैं.

बाएं वायरल वीडियो, दाएं इंटरनेट पर एक साल पहले से मौजूद वीडियो
(फोटो: Altered by The Quint)
ऊपर दी गई जानकारी का इस्तेमाल कर हमने अलग-अलग सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर फिर से कीवर्ड सर्च किया. हमें 5 जनवरी 2020 का एक इंस्टाग्राम पोस्ट मिला, जिसमें इसी वीडियो का बड़ा वर्जन शेयर किया गया था.
कैप्शन के मुताबिक, ये रैली CAA-NRC के विरोध में निकाली गई थी. 'pknishab' नाम के यूजर को इसके लिए क्रेडिट दिया गया था, इसलिए हमने इस यूजर की प्रोफाइल में भी जाकर चेक किया, जहां इसका ज्यादा साफ और 13 मिनट का बड़ा वर्जन मिला, जिसे 13 जनवरी को अपलोड किया गया था.
वीडियो मन्नारकाड में किस जगह का है?
वीडियो को ध्यान से देखने पर एक ऊंची बिल्डिंग में 'Choice' लिखा नजर आ रहा है. हमने इसे गूगल मैप्स पर जाकर चेक किया. तो हमें 'Choice Wedding Castle' नाम की एक बिल्डिंग की जानकारी मिली, जो मन्नारकाड में ही मौजूद है.
नीचे गूगल मैप्स पर मौजूद फोटो से वायरल वीडियो का मिलान देखा जा सकता है.
बाएं वायरल वीडियो, दाए गूगल मैप्स पर मौजूद फोटो
(फोटो: Altered by The Quint)
वीडियो में एक पीले रंग का बोर्ड भी दिख रहा है,जिसमें लिखा है- '9th flooring'. गूगल मैप्स पर हमने इसे भी चेक किया तो पता चला कि ये दुकान मन्नारकाड में 'Choice Wedding Castle' के बगल में ही मौजूद है.

इंस्टाग्राम पोस्ट के मुताबिक, पीला बोर्ड 9th flooring का है
(फोटो: Altered by the Quint)
मतलब साफ है कि केरल के मन्नारकाड में साल 2020 में CAA-NRC के विरोध में एक प्रोटेस्ट निकाला गया था, जिसे हाल का बताकर इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये वीडियो त्रिपुरा हिंसा के विरोध में रैली का है.
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