“2020 जीवित रहने का साल है. लाभ हानि की चिंता ना करें” - इस हेडलाइन से एक अखबार की क्लिप काफी वायरल हो रही है. अखबार की इस क्लिप में ये बातें दिग्गज उद्योगपित रतन टाटा के हवाले से लिखी गई हैं.
वायरल हो रही ये क्लिप फेक है और टाटा संस के चेयरमैन ने ऐसी कोई बात नहीं कही हैं.
दावा
ये क्लिप फेसबुक और ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की जा रही है. आर्टिकल के मुताबिक, रतन टाटा ने कहा है कि "2020 जीवित रहने का साल है, लाभ हानि की चिंता ना करें".
जनहित खबर और दैनिक सवेरा समेत कई हिंदी न्यूज वेबसाइट्स ने इस आर्टिकल को इसी दावे के साथ शेयर किया.
हिंदी अखबाप 'प्रभात खबर' ने 3 मई को अपने अखबार में इस आर्टिकल को छापा भी.
हमें जांच में क्या मिला?
इस आर्टिकल को देखते ही कई सवाल खड़े होते हैं. इसमें ये रतन टाटा के हवाले से तो लिखा है, लेकिन ये नहीं बताया गया है कि ये बातें उन्होंने कहां बोलीं. हमनें टाटा संस के चेयरमैन का ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट चेक किया, वहां इस तरह का कोई बयान नहीं था.
इसके बाद, रतन टाटा ने खुद ट्विटर और इंस्टाग्राम पर सफाई दी कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है.
टाटा ने लिखा, "एक कोट के साथ मेरी फोटो शेयर हो रही है, जो मैंने नहीं कहा."
इससे पहले भी रतन टाटा के नाम से फेक कोट वायरल होते रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही इकनॉमी को लेकर उनका एक फेक कोट वायरल हो गया था.
इससे साफ होता है कि ये खबर गलत है और रतन टाटा ने ऐसा कुछ नहीं कहा है.
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