भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक नए रेगुलेशन के बारे में कुछ वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक खबर शेयर हो रही है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के हवाले से जारी एक बयान शेयर किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि दो अलग-अलग बैंकों में अकाउंट रखने पर लोगों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
ये जानकारी शेयर करने वाली कुछ वेबसाइट्स हैं, पांगी घाटीदानिका पत्रिका, सरकार E जॉब, योजना अपडेट्स, यूट्यूब चैनल अंशु एजुकेशनल प्लेटफॉर्म और फेसबुक पेज निष्कर्ष भारत.
क्या ये सच है?: ये दावा झूठा है.
ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे ये साबित हो कि शशिकांत दास ने इस तरह का बयान दिया है, और न ही आरबीआई द्वारा इस तरह के रेगुलेशन के बारे में कोई जानकारी दी गई है.
जुलाई की शुरुआत में, आरबीआई गवर्नर ने बैंक प्रमुखों से 'म्यूल अकाउंट्स' के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. हालांकि, दो अकाउंट्स रखने पर इस तरह के किसी जुर्माने पर चर्चा नहीं की गई थी.
हमें क्या मिला?: हमने पोस्ट और वेबसाइट आर्टिकल्स पर दिए गए शब्दों से कीवर्ड सर्च किया. हालांकि, हमें इस दावे के समर्थन में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली.
हमने आरबीआई और गवर्नर के सोशल मीडिया अकाउंट्स भी चेक किए, लेकिन हमें वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली.
मिंट और फाइनेंशियल एक्सप्रेस की 3 जुलाई की न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, शशिकांत दास ने 'म्यूल अकाउंट्स' पर चर्चा करने के लिए बैंक प्रमुखों के साथ बैठक की थी.
उन्होंने ऋणदाताओं द्वारा मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया और उनसे थर्ड पार्टी रिलेशनशिप से जुड़े जोखिमों को ठीक से संभालने को कहा.
म्यूल अकाउंट क्या हैं?: इनका इस्तेमाल मनी-लॉन्ड्रिंग में किया जाता है, इस तरह के अकाउंट्स से कथित तौर पर अवैध गतिविधियों से फंड प्राप्त कर उन्हें अलग-अलग स्थानों पर ट्रांसफर किया जाता है.
आरबीआई, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय ऐसे बैंक खातों से निपटने के लिए वित्तीय संस्थानों और टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी फर्म्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
निष्कर्ष: RBI गवर्नर के नाम से एक फर्जी बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जा रहा है.
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