एक बड़े मंदिर के 3D चित्रण को इस गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर ऐसा ही दिखेगा. हालांकि, हमने पाया कि ये 3D चित्रण पश्चिम बंगाल के मायापुर के ISKCON मंदिर का है और इसका राम मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है.
दावा
जो ढांचा ऊपर दिख रहा है, उसे राम मंदिर के प्रस्तावित ढांचे के तौर पर शेयर किया जा रहा है और सोशल मीडिया पर इस मेसेज के साथ वायरल हो रहा है "अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का आर्किटेक्चरल व्यू.... जय जय श्री राम."
हमने ये भी पाया कि मंदिर में 2,100 किलो का घंटा होने का दावा भी किया जा रहा है.
हमें क्या मिला?
तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कई ऐसे सोर्स मिले, जिससे पता चलता है कि वायरल तस्वीर असल में पश्चिम बंगाल के मायापुर के ISKCON में प्रस्तावित वैदिक प्लैनेटेरियम टेम्पल की है.
हमें ISKCONNews नाम की एक वेबसाइट पर अगस्त 2010 का एक आर्टिकल मिला, जिसमें ये तस्वीर इस्तेमाल की गई थी.
इसके अलावा हमने मायापुर ISKCON मंदिर की तस्वीरें देखीं. इस मंदिर को श्री मायापुर चंद्रोदय मंदिर- टेम्पल ऑफ वैदिक प्लैनेटेरियम भी कहते हैं. हमने पाया कि ढांचे की हाल की तस्वीरें और दूसरे चित्रण वायरल तस्वीर से काफी मिलते-जुलते हैं, बस गुंबद के रंग में फर्क है.
क्विंट ने ISKCON में एक सूत्र से संपर्क किया, जिसने पुष्टि की कि वायरल फोटो मायापुर के प्रस्तावित मंदिर की है. गुंबद के रंग में फर्क के मामले में सूत्र ने कहा कि ISKCON ने पहले पीला रंग सोचा था लेकिन वो पत्थर बड़ी तादाद में मिलना मुश्किल है और इसलिए नीला मार्बल लगाने का फैसला हुआ.
हमें कुछ न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिसमें बताया गया कि मायापुर मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहा जा रहा है और जनता के लिए ये फरवरी 2020 से खुल गया है. लेकिन फाइनल कंस्ट्रक्शन 2022 तक ही पूरा होगा.
इंडिया टुडे के एक आर्टिकल के मुताबिक, राम जन्मभूमि मंदिर 161 फुट ऊंचा होगा और वो तीन मंजिला होगा. इंडियन एक्सप्रेस ने राम मंदिर का एक कम्प्यूटराइज्ड 3D व्यू का फोटो छापा था, जो वायरल तस्वीर से एकदम अलग है.
अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है. पीएम नरेंद्र मोदी के भी पहुंचने की संभावना है.
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