सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि RSS ने देश का सबसे बड़ा 6000 बेड्स वाला कोविड सेंटर मध्य प्रदेश के इंदौर में बनाया है. वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि ये बात सच है कि इंदौर में 6000 बेड्स वाला कोविड सेंटर बन रहा है. फिलहाल इस सेंटर में 600 बेड हैं. लेकिन, ये आरएसएस ने नहीं बनवाया है.
दावा
सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक ग्राफिक शेयर किया जा रहा है. इसमें लिखा है- RSS has build 6000 bed covid care centre and 4 oxygen plants in Indore. हिंदी अनुवाद - आरएसएस ने इंदौर में 6000 बेड्स वाला कोविड केयर सेंटर और 4 ऑक्सीजन प्लांट बनवाए. पहली तस्वीर ड्रोन से क्लिक की गई है. वहीं दूसरी तस्वीर में मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर का बोर्ड दिख रहा है.
बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय प्रवक्ता वनथी श्रीनिवासन ने भी यह ग्राफिक ट्विटर पर शेयर किया
पड़ताल में हमने क्या पाया
दावे से जुड़े अलग-अलग कीवर्ड गूगल सर्च करने से हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक राधा स्वामी सत्संग में बने कोविड सेंटर का संचालन इंदौर प्रशासन कर रहा है. रिपोर्ट में ऐसा उल्लेख कहीं भी नहीं है कि ये कोविड सेंटर आरएसएस ने बनवाया.
न्यूज एजेंसी ANI की 22 अप्रैल, 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर के राधा स्वामी सत्संग के मैदान को 600 बेड्स वाले कोविड केयर सेंटर में बदल दिया गया है. आगे यहां बढ़ाकर बेड्स की संख्या 6000 की जाएगी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्संग का धन्यवाद दिया है और बताया है कि सेंटर में आरएसएस के वॉलेंटियर भी काम कर रहे हैं.
ANI की रिपोर्ट में भी कहीं ये उल्लेख नहीं है कि सेंटर आरएसएस ने बनवाया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 15 अप्रैल का एक ट्वीट हमें मिला. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि राधा स्वामी सत्संग के सहयोग से कोविड सेंटर बनाया गया है. ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि सेंटर आरएसएस ने बनवाया.
इंदौर के राधा स्वामी सत्संग के मैदान में बने मां अहिल्या कोविड केयर सेंटर के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए हमने इंदौर के अपर कलेक्टर राजेश राठौर से संपर्क किया.
उन्होंने क्विंट से हुई बातचीत में बताया कि कोविड केयर सेंटर राधा स्वामी सत्संग बींस ने शुरू किया, प्रशासन इसके संचालन का काम कर रहा है और इंदौर के 4 निजी अस्पताल यहां मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं. सेंटर किसी एक संगठन ने नहीं बनाया है.
राधा स्वामी सत्संग में बने कोविड केयर सेंटर के मैनेजमेंट का काम इंदौर प्रशासन कर रहा है. इंदौर के चार निजी अस्पतालों ने सेंटर में सभी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. आरएसएस के कुछ वॉलेंटियर्स भी सहयोग कर रहे हैं. कई संगठन कोविड केयर सेंटर में मदद कर रहे हैं, जिनमें से एक आरएसएस भी है. सेंटर किसी एक संगठन या संस्था की फंडिंग से नहीं सबके मिले-जुले योगदान से चल रहा है.राजेश राठौर, अपर कलेक्टर, इंदौर
मतलब साफ है कि आरएसएस के स्वयंसेवक कोविड केयर सेंटर में वॉलेंटियरिंग कर रहे हैं. आरएसएस की तरफ से सेंटर की फंडिंग नहीं हुई है.
इंदौर का कोविड केयर सेंटर आरएसएस ने बनवाया है. ट्विटर पर ये दावा करने वाली बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय प्रवक्ता वनथी श्रीनिवासन ने बाद में खुद एक अन्य ट्वीट करते हुए सफाई दी है कि उनके कहने का मतलब था कि आरएसएस स्वयंसेवक वहां काम कर रहे हैं.
हमने राधा स्वामी सत्संग की ऑफिशियल वेबसाइट चेक की. वेबसाइट के होम पेज पर संगठन के बारे में जानकारी दी गई है. ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि ये संगठन आरएसएस से जुड़ा है. वेबसाइट पर दी गई जानकारी में स्पष्ट लिखा है कि RSSB किसी भी राजनीतिक या कर्मिशियल संगठन से ताल्लुक नहीं रखता.
हमने RSS के मालवा प्रांत के प्रचार प्रमुख विनय दीक्षित से भी संपर्क किया. वेबकूफ से बातचीत में उन्होंने ये पुष्टि की कि RSS के वॉलेंटियर्स कोविड केयर सेंटर के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन इस सेंटर की फंडिंग संगठन नहीं कर रहा.
इंदौर के कोविड केयर सेंटर का संचालन प्रशासन, सामाजिक संगठनों और कुछ उद्योगपतियों के मिले-जुले सहयोग से हो रहा है. RSS के वॉलेंटियर भी कोविड केयर सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन, ये दावा सही नहीं है कि पूरे सेंटर की फंडिंग RSS ने की है.विनय दीक्षित, मालवा प्रांत प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
हमने मध्य प्रदेश की कोविड 19 एडवाइजरी टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. निशांत खरे से भी संपर्क किया. उन्होंने बताया कि RSS के 75 स्वयंसेवक वॉलेंटियर के तौर पर कोविड केयर सेंटर में काम कर रहे हैं.
कोविड केयर सेंटर में सबसे ज्यादा योगदान किसी एक बॉडी का है तो वो राधा स्वामी सत्संग है. सेंटर की ओनरशिप मध्य प्रदेश सरकार के पास है. आरएसएस के 75 सदस्य भी सेंटर में योगदान दे रहे हैं. आम लोग, संगठन और उद्योगपतियों की तरफ से क्षमता के मुताबिक आर्थिक सहायता की जा रही है. कोविड केयर सेंटर इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि कैसे बिना सरकार की सहायता के समाज ऐसे सार्थक काम कर सकता है.डॉ. निशांत खरे, सदस्य, मप्र कोविड19 एडवाइजरी टास्क फोर्स
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा गलत है कि इंदौर का कोविड केयर सेंटर आरएसएस ने बनवाया.
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