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इंग्लैंड की महारानी को सलामी देते RSS सदस्यों की ये फोटो एडिटेड है

इस एडिटेड फोटो में दिख रही महारानी की तस्वीर 1956 की है, तो वहीं RSS के सदस्यों की फोटो 2008 से इंटरनेट पर मौजूद है.

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सोशल मीडिया पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सामने खड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्यों की एक फोटो वायरल हो रही है. इसे इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि जब पूरा देश आजादी के लिए लड़ रहा था, तब RSS महारानी को सलामी दे रहा था.

हालांकि, हमने पाया कि फोटो एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को मिलाकर बनाया गया है. RSS के सदस्यों की फोटो एक स्टॉक फोटो है जो इंटरनेट पर साल 2008 से मौजूद है. वहीं, क्वीन एलिजाबेथ की फोटो 1956 की है जो नाइजीरिया में खींची गई थी.

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दावा

कथित तौर पर फोटो में RSS के सदस्य इंग्लैंड की महारानी के सामने खड़े दिख रहे हैं. फोटो पर लिखा है, "जब पूरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था,तब कुछ गद्दार इंग्लैंड की रानी को सलामी दे रहे थे, सुना है इनके वंशज खुद को देशभक्त कहते हैं|"

इसी कैप्शन के साथ कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस फोटो को पहले भी शेयर किया है. हमने पाया कि ये फोटो 2016 से शेयर की जाती रही है.

फेसबुक और ट्विटर पर किए गए ऐसे ही दूसरे पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि इस फोटो का इस्तेमाल Jagran ने अपने एक आर्टिकल में 2011 में किया था और Deccan Chronicle ने 2015 में किया था.

हमें ये फोटो Wikipedia पर भी मिली, जहां ये 2008 से मौजूद है.

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इसके बाद हमने फोटो से उस हिस्से को क्रॉप किया जिसमें रानी दिख रही हैं और उस पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें CNN पर पब्लिश एक आर्टिकल मिला. फोटो में Getty Images को क्रेडिट दिया गया था. जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल करने पर हमें ये फोटो Getty Images की वेबसाइट पर मिली.

कैप्शन के मुताबिक, ये फोटो नाइजीरिया के कदूना एयरपोर्ट में 1956 में खींची गई थी.

कैप्शन में बताया गया है, ''क्वीन एलिजाबेथ द्वीतीय ने कॉमनवेल्थ टूर के दौरान, हाल में ही बदले गए नाम वाले अपने नाइजीरिया रेजीमेंट, रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स में शामिल जवानों का इन्सपेक्शन किया.''

मतलब साफ है कि दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गई फोटो को शेयर कर ये झूठा नैरेटिव सेट करने की कोशिश की जा रही है कि जब पूरा देश आजादी के लिए लड़ रहा था, तब RSS के सदस्य इंग्लैंड की महारानी को सलाम कर रहे थे. ये दावा झूठा है.

इस दावे की पड़ताल SM Hoax Slayer ने 2016 में तब की थी, जब कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने इस तस्वीर को ट्वीट किया था.

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