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वेबकूफ: राहुल को लेकर संबित पात्रा के ट्वीट की क्या है सच्चाई?

सोशल मीडिया पर किया गया ये दावा

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है, जिसमें वो रेड जोन को ग्रीन जोन और ग्रीन जोन को रेड जोन बता रहे हैं. इस वीडियो को बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी शेयर किया.

हालांकि, क्विंट ने पाया कि ये क्लिप एक बड़े वीडियो का एक हिस्सा है. ये क्लिप राहुल गांधी की पत्रकारों के साथ डिजिटल कॉन्फ्रेंस वाले वीडियो की है.

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दावा

संबित पात्रा ने 9 मई को ट्विटर पर राहुल गांधी की ये क्लिप शेयर की, जिसपर स्टोरी लिखे जाने तक 11 हजार रीट्वीट्स और 44 हजार लाइक्स आ चुके थे.

पात्रा ने क्लिप पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, "पीछे से आलू आगे से सोना, और अब, जो रेड है वो ग्रीन है, जो ग्रीन है वो रेड है, ये क्या है."

6 सेकेंड की ये वीडियो क्लिप ट्विटर पर इसी कैप्शन के साथ वायरल हो गई.

फेसबुक पर भी क्लिप को काफी शेयर किया गया.

हमें जांच में क्या मिला?

गूगल पर कीवर्ड्स सर्च करने के बाद, हमें 8 मई को पब्लिश हुए कई न्यूज आर्टिकल्स मिले, जिससे साफ हो गया कि राहुल गांधी ने पत्रकारों के साथ वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत में ग्रीन और रेड जोन की बात कही थी.

न्यूज रिपोर्ट्स में साफ दिखाया गया कि राहुल गांधी ने कहा था कि इन जोन का फैसला राज्य स्तर पर जिला मजिस्ट्रेटों को शामिल कर करना चाहिए. राहुल ने ये कहा था कि कई राज्यों के सीएम कह रहे थे कि राष्ट्रीय स्तर पर रेड जोन के रूप में मार्क इलाके असल में ग्रीन जोन हैं, और ग्रीन जोन, रेड.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी कह रहे थे कि इलाकों को राज्य और जिला स्तर पर मार्क करना चाहिए, न कि राष्ट्रीय स्तर पर.

न्यूज एजेंसी ANI ने भी राहुल गांधी को कोट करते हुए यही लिखा था.

इससे साफ होता है कि वायरल क्लिप को छोटा कर गलत इरादे से शेयर किया गया.

हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस का पूरा वीडियो भी देखा, जिसे राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर ब्रॉडकास्ट किया गया था.

वीडियो में 19:15 मिनट पर, पीटीआई भाषा के एक रिपोर्टर के सवाल के जवाब में गांधी ने इस समय जिस तरह के नेतृत्व की जरूरत है, उसके बारे में बात करना शुरू कर दिया.

19:45 मिनट पर, राहुल गांधी जोन के बारे में बात करते हुए कहते हैं, "ये जो जोन बने हैं- रेड, ऑरेन्ज और ग्रीन. ये नेशनल लेवल पर बने हैं, ये राज्य स्तर पर बनने चाहिए. हमारे राज्यों के सीएम हमें कह रहे हैं कि नेशनल लेवल पर जो रेड जोन है, वो असल में ग्रीन जोन है, और जो ग्रीन जोन है वो असल में रेड जोन है. जानकारी राज्य स्तर के नेताओं के पास है."

इस वीडियो से साफ होता है कि राहुल गांधी का मजाक उड़ाने के लिए क्लिप को छोटा किया गया है.

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कैप्शन

अब बात करते हैं उस कैप्शन की, जिसके साथ संबित पात्रा ने वीडियो शेयर किया था. इस कैप्शन का एक हिस्सा जहां ऊपर दिए वीडियो की बात कर रहा था, वहीं पात्रा ने इस ओर भी इशारा किया कि राहुल गांधी ने कभी "पीछे से आलू आगे से सोना" निकालने की बात कही थी.

इसका संबंध राहुल गांधी के एक पुराने दावे से है, जो पहले 2017 में और फिर 2018 में वायरल हो गया था. एक वीडियो में कांग्रेस नेता ने कहा था कि वो एक मशीन लगाएंगे, जिसमें 'आलू डालने से बदले में सोना मिलेगा.'

20 सेकेंड की इस क्लिप में, राहुल को कहते सुना जा सकता है, "ऐसी मशीन लगाऊंगा, इस साइड से आलू घुसेगा, उस साइड से सोना निकलेगा."

हालांकि, सच ये है कि राहुल गांधी ने ये बातें कही थीं, लेकिन असल में वो प्रधानमंत्री मोदी के वादे को कोट कर रहे थे. इस वायरल क्लिप को 26 मिनट के एक लंबे वीडियो से काटकर बिना संदर्भ शेयर किया गया था.

क्विंट इसका पहले ही फैक्ट चेक कर चुका है.

इसलिए, पात्रा का कैप्शन भ्रामक है. न ही राहुल गांधी ने सोना और आलू पर कुछ कहा, और न ही उन्होंने रेड जोन-ग्रीन जोन पर बेमतलब की बात कही.

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