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Fact-Check: SBI की शरिया फंड सुविधा सिर्फ केरल नहीं, पूरे भारत में

शरिया फंड स्कीम की शुरुआत उन ग्राहकों के लिए की गई है, जो इस्लाम धर्म की मान्यताओं का पालन करते हुए निवेश करना चाहते हैं

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इलेक्टोरल बांड पर जारी चर्चा के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है. इस पोस्ट में दावा किया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने केरल के मलप्पुरम में शरिया कानून के मुताबिक एक निवेश योजना शुरू की है.

यूजर्स ने क्या कहा है?: इस पोस्ट को शेयर करने वालों ने मलप्पुरम में "इस्लामिक गढ़" होने जैसी बातें लिखकर इन दावों में सांप्रदायिक रंग जोड़ दिया है.

(इसी तरह के दावों के अन्य अर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.)

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क्या यह सच है?: नहीं, यह दावा भ्रामक है क्योंकि यह योजना पूरे भारत में लागू होती है और इसका केरल से कोई खास संबंध नहीं है.

  • SBI के एक अधिकारी ने द क्विंट को बताया कि यह योजना 2014 में शुरू हुई थी और तबसे पूरे देश में लागू है.

हमनें सच का पता कैसे लगाया?: सबसे पहले हमने गूगल पर इससे मिलते-जुलते कीवर्ड ढूंढे, जिसमें हमें SBI की शरिया फंड योजना के बारे में 2014 की न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं.

  • 2014 की The Economic Times  और Live Mint की रिपोर्ट्स से पता चला कि एक विविध इक्विटी फंड लॉन्च किया जाएगा जो शरिया कानूनों के मुताबिक होगा. Economic Times की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस फंड का लक्ष्य देश की बड़ी मुस्लिम आबादी से निवेश आकर्षित करना है.

  • इनमें से किसी भी रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह योजना भारत में केरल या मलप्पुरम के इलाकों तक सीमित होगी.

SBI से पुष्टि: हम वायरल पोस्ट पर दिए गए नंबरों के जरिए मलप्पुरम ब्रांच से संपर्क किया.

वहां हमने ब्रांच के एक कर्मचारी संजीत से बात की. उन्होंने द क्विंट से पुष्टि की कि यह योजना पूरे भारत में लागू है और किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है.

हमें शरिया इक्विटी फंड के बारे में SBI के नियम और शर्तें मिलीं.

यहां कहीं भी यह नहीं बताया गया है कि योजना केवल केरल में लागू है.

यह योजना किस बारे में है?: यह एक "ओपन-एंडेड इक्विटी योजना" है. इस योजना का इस्तेमाल शरिया सिद्धांतों का पालन करने वाले इक्विटी और इक्विटी-रिलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके लंबी अवधि में लाभ हासिल किया जा सकता है.

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  • इसमें यह भी लिखा है, "शरिया-अनुपालक स्टॉक वे स्टॉक हैं जो शरिया सिद्धांतों यानी धार्मिक मान्यताओं और वित्तीय अनुपात का पालन करते हैं." (sic.)

  • यह योजना उन सेक्टर और क्षेत्रों को निवेश से बाहर करती है जो इस्लामी मान्यताओं के खिलाफ हैं, उदाहरण के लिए, शराब, जुआ आदि.

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निष्कर्ष: स्पष्ट रूप से, सोशल मीडिया यूजर्स ने झूठे सांप्रदायिक रंग के साथ यह दावा किया है कि SBI की शरिया इक्विटी योजना केवल केरल में लागू होती है.

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