दावा
एक स्कूल के कुछ स्टूडेंट्स का फर्श पर लोटते हुए रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो शेयर करने वाले लोगों का दावा है कि ये स्टूडेंट्स 'भूत की चपेट' में हैं.
वीडियो हरियाणा के एक प्राइमरी स्कूल का बताया जा रहा है. वीडियो के साथ लिखा है- 'गांव के प्राथमिक स्कूल जो कि सफीदों में भूतों ने लिया अपनी चपेट में, सभी मां बाप पूरा गांव दहशत में.'
क्विंट को इससे जुड़ा सवाल हमारी WhatsApp हेल्पलाइन पर भी मिला.
सच या झूठ?
वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा एकदम झूठा है. ये वीडियो हरियाणा से नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के बानी तहसील के सित्ती गांव का है. इस वीडियो में लड़कियों पर भूत नहीं आया है, जैसा का वीडियो में दावा किया गया है.
हमें जांच में क्या मिला?
क्विंट ने गूगल पर 'स्कूल स्टूडेंट्स फर्श पर रो रहे हैं' कीवर्ड्स से सर्च किया. सर्च करने के बाद हमें द हिंदू और ग्रेटर कश्मीर जैसे पब्लिशर्स के आर्टिकल्स मिले.
द हिंदू में छपे आर्टिकल के मुताबिक ये घटना कठुआ के बानी तहसील के एक सरकारी स्कूल में हुई थी. ये घटना 13 और 14 जून को हुई थी, जब कुछ छात्रों ने फर्श पर लोटते हुए रोना शुरू कर दिया था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कठुआ के चीफ एजुकेशन अफसर ने बताया कि 13 जून को छात्रों में ये बिहेवियर कम था, लेकिन अगले दिन जब छात्रों का वही बिहेवियर दिखा तो पास के स्कूलों से टीम, सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट और तहसीलदार, र मेडिकल टीम और एंबुलेंस को फौरन स्कूल भेजा गया.
क्विंट ने चीफ मेडिकस अफसर डॉ अशोक चौधरी से बात की, जिन्होंने बताया कि डॉक्टरों की एक टीम को स्कूल भेजा गया था और टीम को छात्रों की सेहत में कोई समस्या नहीं मिली. उन्होंने छात्रों में भूत आने के दावे को खारिज कर दिया.
‘हमने छात्रों के लिए स्कूल में साइकैट्रिस्ट भेजे और इसकी रिपोर्ट अगले दो दिनों में सबमिट कर दी जाएगी, जिसके बाद हमें पता चलेगा कि क्यों ऐसा हुआ था.’डॉ अशोक चौधरी, चीफ मेडिकल ऑफिसर
इसके अलावा, स्कूल के हेडमास्टर कवल कृष्णन ने IANS को बताया कि एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर, जो कि एक डॉक्टर भी थे, उन्होंने बताया कि छात्रों के इस बर्ताव के पीछे उनकी अकैडमिक परफॉर्मेंस हो सकती है.
कृष्णन ने बताया, 'डॉक्टर ने हमें बताया कि छात्रों में एक-दूसरे के बर्ताव की नकल करना कोई आम बात नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा हो सकता है कि ये रोने वाले छात्रों की अकैडमिक परफॉर्मेंस अच्छी न रही हो.'
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