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बच्चा चोरी करने की कोशिश करते शख्स का स्क्रिप्टेड वीडियो असली घटना का बता वायरल

ये स्क्रिप्टेड वीडियो एक कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है, जो इस तरह के और भी "जागरूकता फैलाने" वाले वीडियो बनाता है.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक सूटकेस में एक बच्चे को लेकर भागने की कोशिश करते एक शख्स को कुछ लोग पकड़ते नजर आ रहे हैं. घटना को दिल्ली (Delhi) के द्वारका की बता शेयर किया जा रहा है.

हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो भी हाल में झूठे दावे से वायरल हुए स्क्रिप्टेड वीडियो की तरह ही स्क्रिप्टेड वीडियो था, जिसे ''जागरूकता फैलाने'' के लिए बनाया गया था. क्विंट की वेबकूफ टीम ने पिछले महीने ऐसे कई स्क्रिप्टेड वीडियो की पड़ताल कर उनका सच बताया है.

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दावा

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कथित अपहरणकर्ता को पकड़ने वाले लोगों का कहना है कि उसे द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन के पास पकड़ा गया था.

वीडियो को शेयर करने वाले कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी अपने कैप्शन में इस जानकारी का इस्तेमाल किया है. एक यूजर ने कहा, '' द्वारका मोड़ की घटना, बच्चा चोर जनहित में जारी.''

ये स्क्रिप्टेड वीडियो एक कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है, जो इस तरह के और भी "जागरूकता फैलाने" वाले वीडियो बनाता है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

फेसबुक पर इसे कई लोगों ने शेयर किया है. जिनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

वीडियो को इस दावे से भी शेयर किया जा रहा है कि ये घटना आजमगढ़ की है. इस पोस्ट को आर्टिकल लिखते समय तक 6,000 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वीडियो के कमेंट सेक्शन में जाकर देखा. कई लोगों ने कमेंट कर बताया था कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड/फर्जी है. एक यूजर ने वीडियो में दिख रहे लोगों में लाल टोपी पहने शख्स की पहचान यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर के तौर पर की, जिसने प्रैंक वीडियो बनाया है.

ये स्क्रिप्टेड वीडियो एक कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है, जो इस तरह के और भी "जागरूकता फैलाने" वाले वीडियो बनाता है.

कमेंट में बताया गया कि वीडियो फेक है

(फोटो: फेसबुक/Altered by The Quint)

पंजाब के एक फैक्ट चेकर ने फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Alt News को वीडियो के सोर्स की पहचान करने में मदद की. वीडियो को सबसे पहले राजू भारती नाम के एक फेसबुक यूजर ने 27 दिसंबर को पोस्ट किया था.

वीडियो के कैप्शन में एक डिसक्लेमर था, जिसके मुताबिक, ''इस पेज में फिक्शनल वीडियो हैं; वीडियो में दिखाए गए सभी पात्र काल्पनिक है. बनाए गए सभी वीडियो सच्ची घटनाओं से प्रेरित हैं और सामाजिक जागरूकता फैलाने के लिए बना गए हैं. वीडियो का मकसद किसी भी तरह से, किसी भी जाति, राष्ट्रीयता, लिंग या व्यक्ति को बदनाम या अनादर करना नहीं है.''
ये स्क्रिप्टेड वीडियो एक कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है, जो इस तरह के और भी "जागरूकता फैलाने" वाले वीडियो बनाता है.

पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

(फोटो:फेसबुक/Altered by The Quint)

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3.7 लाख से ज्यादा फॉलोवर वाले इस फेसबुक पेज में कई दूसरे वीडियो भी थे, जिसमें लाल टोपी पहने शख्स को देखा जा सकता है.

ये स्क्रिप्टेड वीडियो एक कंटेंट क्रिएटर ने बनाया है, जो इस तरह के और भी "जागरूकता फैलाने" वाले वीडियो बनाता है.

इस शख्स को पेज पर उपल्बध दूसरे वीडियो में भी देखा जा सकता है

(फोटो: फेसबुक/वायरल वीडियो/Altered by The Quint)

स्टोरी लिखे जाते समय तक वायरल वीडियो को 2 करोड़ 20 लाख से ज्यादा व्यू और 2,41,000 शेयर मिल चुके हैं.

ये वीडियो भी उसी ट्रेंड का हिस्सा है जो हाल में चल रहा है. इस ट्रेंड में स्क्रिप्टेड और नाटकीय वीडियो को ओरिजिनल की तरह शेयर कर झूठे और भ्रामक दावे किए जा रहे हैं. टीम वेबकूफ ऐसे सभी वीडियो की पड़ताल करने की कोशिश कर रही है जो आमतौर पर भ्रामक और कभी-कभी सांप्रदायिक दावों से शेयर किए जा रहे हैं.

मतलब साफ है, अपहरणकर्ता को पकड़ते लोगों का स्क्रिप्टेड वीडियो को दिल्ली की वास्तविक घटना का बता झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है.

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