12 सितंबर को मुंबई पुलिस ने शिवसेना के सदस्यों को रिटायर्ट नेवी अफसर मदन शर्मा पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया. शिवसेना के सदस्यों ने शर्मा पर इसलिए हमला किया क्योंकि उन्होंने एक कार्टून फॉरवर्ड किया जिसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिखाया गया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर ये दावा किया गया कि मदन शर्मा भारतीय नौसेना में अफसर नहीं थे बल्कि वो मर्चेंट नेवी में काम करते थे.
क्विंट ने अपनी तफ्तीश में पाया कि ये दावा पूरी तरह से आधारहीन है और मदन शर्मा भारतीय नौसेना में सेवाएं दी हैं.
दावा
वायरल फेसबुक पोस्ट में कैप्शन लिखा गया 'ब्रेकिंग न्यूज- नेवी अधिकारी पर नया खुलासा, अब पता चला है कि कथित तौर पर नेवी अधिकारी असल में मर्चेंट नेवी से है'
इस दावे के समर्थन में मदन शर्मा की फेसबुक प्रोफाइल के स्क्रीनशॉट लगाए गए. मदन शर्मा की प्रोफाइल पर प्रोफेशन में मर्चेंट नेवी लिखा हुआ है.
हमें क्या मिला?
क्विंट ने मदन शर्मा की नौसेना की सर्विस आईडी ढूंढ निकाली जिसमें लिखा हुआ है कि उनको नौसेना से 31 अक्टूबर 1990 को सेवानिवृत्त किया गया.
फेक्ट चैकिंग वेबसाइट बूम ने मदन शर्मा के बेटे सनी शर्मा से बात की. उन्होंने इस बात को कंफर्म किया है कि ये सर्विस आईडी सही है और बताया है कि उनके पिता ने भारतीय नौसेना में 1974 से लेकर 1990 तक सेवाएं दी हैं. सनी ने बूम वेबासाइट को ये भी बताया है कि उनके पिता ने मर्चेंट नेवी जॉइन करने के बाद फेसबुक प्रोफाइल बनाई है.
साफ है कि मदन शर्मा ने इंडियन नेवी में सेवाएं दी हैं और मर्चेंट नेवी सेना से रिटायर्ड होने के बाद जॉइन की. इसलिए ये वायरल पोस्ट फेक न्यूज हैं.
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