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हिमाचल के शूलिनी मंदिर में कीर्तन पर रोक लगने के दावों का सच

मंदिर में कीर्तन वर्जित बताने वाला बोर्ड हालिया नहीं बल्कि पुराना है, वर्तमान में यह बोर्ड वहां नहीं है.

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सोशल मीडिया पर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंदिर में लगे बोर्ड की बताई जा रही एक फोटो वायरल है. बोर्ड पर लिखा है 'मंदिर परिसर में कीर्तन करना वर्जित है'

दावा: इस बोर्ड को हालिया बताकर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में कीर्तन बंद कराने की शुरुआत हो चुकी है.

मंदिर में कीर्तन वर्जित बताने वाला बोर्ड हालिया नहीं बल्कि पुराना है, वर्तमान में यह बोर्ड वहां नहीं है.

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

(सोर्स - फेसबुक/स्क्रीनशॉट)

(ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.)

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क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. फोटो को बिना पूरा संदर्भ दिए शेयर किया जा रहा है.

  • यह घटना पिछले साल की है. जब हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित शूलिनी देवी मंदिर में ये बोर्ड लगाया था.

  • हालांकि, ये बोर्ड किसी सरकारी आदेश पर नहीं बल्कि मंदिर समिति और प्रशासन ने लगाया था. इसकी वजह मंदिर में जगह की कमी को बताया गया था.

  • सोलन के कलेक्टर ने साल 2023 में ही स्पष्ट किया था कि मंदिर के नजदीक किसी दूसरे स्थान पर कीर्तन की व्यवस्था कर दी गई है, जिससे मंदिर में भीड़ से बचा जा सके.

हमनें सच का पता कैसे लगाया ? हमनें इस वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया. हमें City News Channel की 15 मई 2023 की एक X पोस्ट मिली, जिसमें इसी बोर्ड के बारे में जानकारी दी गई थी. बताया गया है कि मंदिर में कीर्तन बंद होने के बाद श्रद्धालुओं में काफी नाराजगी है.

हमें सोलन के तत्कालीन कलेक्टर मनमोहन शर्मा का इस मामले पर दिया गया बयान मिला, जो उन्होंने न्यूज संस्थान पंजाब केसरी को दिया था. उन्होंने बताया कि

मंदिर में कीर्तन पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. यह आदेश जिला प्रसाशन नहीं बल्कि मंदिर ट्रस्ट की ओर से जारी किया गया था. मंदिर में कीर्तन बंद नहीं किया गया है बल्कि मंदिर में ही बने कीर्तन हाल में कीर्तन करने का अनुरोध किया गया है, ताकि ज्यादा संख्या में लोग वहां आ सकें और अन्य श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर के अंदर असुविधा न हो."
मनमोहन शर्मा, तत्कालीन कलेक्टर, सोलन (पंजाब केसरी को दिया गया बयान)
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मंदिर से हटा लिया गया था बोर्ड : हमारी सर्च में हमें ऐसा न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया है कि विवाद बढ़ने पर मंदिर से ये बोर्ड हटा लिया गया था. ETV Bharat और News 18 की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है.

टीम वेबकूफ ने शूलिनी माता मंदिर ट्रस्ट के अधिकारी और तहसीलजार मुल्तान सिंह से संपर्क किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को खारिज करते हुए कहा

''मामला एक साल पुराना है. जगह की समस्या के चलते हमने कीर्तन की जगह को बदला था, जिससे मंदिर में जो लोग ध्यान कर रहे हैं उन्हें डिस्टरबेंस ना हो. ये सच नहीं है कि कीर्तन पर प्रतिबंध लगाया गया है. बाद में हमने उस बोर्ड को हटा लिया था.''
मुल्तान सिंह, तहसीलदार, और मंदिर ट्रस्ट अधिकारी, शूलिनी माता मंदिर, सोलन
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पंजाब केसरी हिमाचल प्रदेश के यूट्यूब चैनल पर एक महीने पहले यह वीडियो अपलोड की गई थी, जिसमें मंदिर परिसर के अंदर लाइव कीर्तन दिखाया गया है. जबकि वायरल फोटो, 1 साल पुरानी है. साफ है कि मंदिर में वर्तमान में कीर्तन हो रहा है.

निष्कर्ष: शूलिनी माता मंदिर में कीर्तन पर बैन लगने के दावे के साथ वायरल हो रही फोटो 1 साल पुरानी है. मंदिर में वर्तमान में कीर्तन जारी है.

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