ADVERTISEMENT

सूर्य ग्रहण की वजह से नहीं आ रही कोरोना की लहर,भ्रामक वीडियो का सच

NASA के मुताबिक, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि ग्रहण की वजह से इंसानों पर कोई शारीरिक प्रभाव पड़ता है.

Published
सूर्य ग्रहण की वजह से नहीं आ रही कोरोना की लहर,भ्रामक वीडियो का सच
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

NK24X7 नाम के एक असमिया न्यूज चैनल पर एक वीडियो शेयर किया गया है. जिसमें गुवाहाटी के एक ज्योतिषी खगेश्वर गोस्वामी को ये दावा करते हुए देखा जा सकता है कि कोविड-19 की लहर 10 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण की वजह से आई है.

गोस्वामी ने दावे में कहा कि कोरोना महामारी 2023 तक जारी रहेगी. गर्भवती महिलाओं को घर पर रहना चाहिए और सूर्य ग्रहण के दौरान और बाद में कई बार नहाना चाहिए.

ADVERTISEMENT

हमने इस बारे में जब डॉक्टर्स से बात की, तो उन्होंने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि सूर्य ग्रहण की वजह से वायरस के बढ़ने पर कोई असर नहीं हुआ है. और न ही गर्भवती महिलाओं पर इसका असर होगा.

दावा

ये वीडियो न्यूज चैनल के फेसबुक पेज पर 10 जून को पोस्ट किया गया था. वीडियो की शुरुआत में सूर्य ग्रहण के समय और उसकी अवधि के बारे में चर्चा की गई. इसके बाद, गोस्वामी सूर्य ग्रहण के प्रभाव के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि इससे वातावरण प्रदूषित होगा और बैक्टीरिया और वायरस का प्रसार बढ़ेगा.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

ऐसा ही एक दावा पिछले साल भी वायरल हुआ था. तब चेन्नई के एक वैज्ञानिक ने दावा किया था कि ''विखंडन ऊर्जा की वजह से सूर्य ग्रहण के बाद उत्सर्जित पहले न्यूट्रॉन के म्यूटेटेड (रूप बदले हुए) पार्टिकल की परस्पर क्रिया'' कोविड-19 महामारी के पीछे की वजह थी. इसके बाद, उन्होंने कहा था कि सूर्य ग्रहण के बाद महामारी खत्म हो जाएगी.

ADVERTISEMENT

उन्होंने ANI से कहा था कि सूर्य की रोशनी और सूर्य ग्रहण इस वायरस का प्राकृतिक उपचार होगा.

और भी ज्योतिषी और ज्योतिष हैंडल ने इस तरह के दावे ट्विटर पर किए हैं. इनके आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार 10 जून को हुआ. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है. चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है. और सूर्य के चारों ओर रिंग जैसी आकृति दिखती है. इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है.

क्या सूर्य ग्रहण के दौरान बैक्टीरिया और वायरस का होता है प्रसार?

हमने इंडियन साइंटिस्ट रिस्पॉन्स टू कोविड-19 (ISRC) के वैज्ञानिकों से संपर्क किया. ये उन वैज्ञानिकों का ग्रुप है जो कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए स्वेच्छा से आगे आए हैं.

ISRC के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने पिछले साल ही इस दावे को खारिज कर कहा था, ''सूर्य ग्रहण से पृथ्वी पर किसी भी वायरस या सूक्ष्म जीव पर असर नहीं पड़ता है.''
ADVERTISEMENT

ISRC के मुताबिक, ''ये सच है कि सूर्य से आने वाला हाई एनर्जी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन वायरस को खत्म कर सकता है. लेकिन सोलर रेडिएशन के इस हाई एनर्जी कॉम्पोनेंट को पृथ्वी का ऊपरी वायुमंडल अवशोषित कर लेता है, जिससे ये पृथ्वी तक नहीं पहुंचता है. अब चूंकि वायरस पृथ्वी की सतह पर रहने वाले जीवों में फैलते हैं, इसलिए इस हाई एनर्जी वाले सोलर रेडिएशन का उन पर कोई असर नहीं होता.''

हमें एक पेपर भी मिला, जिसे 'जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड बायोएलाइड साइंसेज' में, ए जे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कुन्तीकान, कर्नाटक की ओर से पब्लिश किया गया था.

स्टडी के मुताबिक, सामान्य धूप की तुलना में सूर्य ग्रहण के दौरान रोगाणुओं में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ.

ADVERTISEMENT

क्या सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कोई खतरा होता है?

सूर्य ग्रहण से जुड़े कई मिथकों में एक मिथक ये भी है कि इसका गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक असर पड़ता है. और ये दावा बहुत पहले से किया जाता रहा है.

FIT ने मैक्स अस्पताल, साकेत में प्रसूति और स्त्री रोग की हेड डॉ अनुराधा कपूर से बात की. डॉ कपूर ने इन सभी दावों को मिथ बताया. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण का कोई असर नहीं होता है.

''भारत में गर्भवती महिलाओं के बीच ये एक मजबूत धारणा है. और मैं हमेशा उन्हें ये सलाह देती हूं कि डॉक्टरों से मिलें. आपको खाना बंद करने की जरूरत नहीं है. आपको तो खुद को डिहाइड्रेशन से बचाने के जरूरत है. अगर आप कमजोर महसूस करती हैं, तो आराम करें और इस तरह के अंधविश्वासों के झांसे में न आएं.''
डॉ अनुराधा कपूर, प्रसूति और स्त्री रोग हेड, मैक्स हॉस्पिटल
ADVERTISEMENT

उन्होंने कहा कि कई महिलाएं हमारे पास सलाह के लिए आती हैं. हम उन्हें स्वास्थ्य का खयाल रखने और चिंता कम करने के लिए कहते हैं.

NASA की ओर से भी ग्रहण से जुड़ी भ्रांतियों को लेकर एक लिस्ट जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि ग्रहण का मनुष्यों पर कोई शारीरिक प्रभाव पड़ता है.

हालांकि, ये ध्यान देना जरूरी है कि अगर कोई सूर्य ग्रहण देखना चाहता है, तो उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. ये सलाह दी जाती है कि किसी भी अनफिल्टर्ड कैमरा लेंस, टेलीस्कोप या किसी अन्य ऑप्टिकल डिवाइस के माध्यम से सूर्य को न देखें. अगर सूर्य ग्रहण देखना चाहते हैं, तो सही सोलर ग्लास पहनना चाहिए.

मतलब साफ है, ये दावा गलत और अवैज्ञानिक है कि ग्रहण की वजह से कोरोना फैलेगा या खत्म होगा.

(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है. सोशल मीडिया पर फैल रही इस अफवाह की जानकारी हमें हमारे पार्टनर रेडियो ब्रह्मपुत्र ने दी.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×