बुंदेलखंड में बेहतर सिंचाई की सुविधा से जुड़ी परियोजनाओं के निर्माण के लिए, ट्विटर पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली सरकार की तारीफ करते हुए एक बांध की फोटो शेयर की जा रही है. फोटो को पूर्व सांसद हरिओम पांडे सहित भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने शेयर किया है.
ये दावा, बुंदेलखंड के महोबा में पीएम मोदी (Narendra Modi) के संबोधन से कुछ देर पहले ही आया था.
हालांकि, हमने पाया कि ये फोटो कृष्णा नदी पर बने श्रीशैलम बांध की है. ये नदी महाराष्ट्र से बहती है और आंध्र प्रदेश में जाकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है. इस फोटो का इस्तेमाल 2014 में कई न्यूज रिपोर्ट में किया गया था.
दावा
इस फोटो को कई बीजेपी नेताओं ने शेयर कर लिखा कि बुंदेलखंड का सूखाग्रस्त क्षेत्र आखिरकार पीएम मोदी और सीएम योगी की यात्रा के दौरान विकास परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई सहायता पा रहे हैं.
इस फोटो को 'बुलन्द बुन्देलखण्ड' हैशटैग के साथ शेयर किया गया है.
इस फोटो को कई बीजेपी नेताओं ने शेयर किया है, जिनमें उन्नाव से विधायक बंबा लाल दिवाकर, रवींद्र नाथ त्रिपाठी और बिहार के बीजेपी विधायक अनिल कुमार शामिल हैं.
सोशल मीडिया पर किए गए ऐसे ही और दावों का आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने फोटो में बांध वाला हिस्सा क्रॉप किया और उस पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. इमेज सर्च करने पर हमें पता चला कि ये फोटो आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम बांध की हो सकती है.
हमें ऐसी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें दावे में इस्तेमाल की जाने वाली फोटो का इस्तेमाल किया गया था. Deccan Chronicle की 2014 में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक ये फोटो श्रीशैलम बांध की है.
ऐसी सभी रिपोर्ट्स जिनमें इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था, में कृष्णा नदी पर बने दो बांधों के बारे में बताया गया था. कृष्णा नदी महाराष्ट्र से निकलकर कर्नाटक और तेलंगाना से होते हुए आंध्र प्रदेश में बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है.
The News Minute की एक रिपोर्ट में नागार्जुन सागर और श्रीशैलम बांधों के बारे में बताया गया है, जिनमें से दोनों हीं आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बॉर्डर पर हैं.
इस रिपोर्ट में 2019 में आंध्र प्रदेश में बने श्रीशैलम बांध से पानी छोड़े जाने से जुड़ी जानकारी दी गई थी, क्योंकि पानी बांध की पूरी क्षमता से तक पहुंच गया था. ये भी बताया गया था कि इससे पानी नीचे की ओर नागार्जुन बांध तक पहुंच जाएगा.
हमें तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) की वेबसाइट पर 'Tour Packages' वाले सेक्शन में भी यही फोटो मिली. यहां 'हैदराबाद से नागार्जुन सागर' के दौरे की पेशकश करने वाले एक सेक्शन में इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था.
इसके बाद, हमने बुंदेलखंड क्षेत्र में पीएम मोदी की ओर से हाल में ही लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट्स से जुड़े विजुअल सर्च किए. हमें पीएम के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें इस इलाके के प्रोजेक्ट्स से जुड़े विजुअल थी.
वीडियो में क्षेत्र में अलग-अलग प्रोजेक्ट्स जैसे कि जलमार्ग, बांध और पुलों के विजुअल देखे जा सकते हैं. हालांकि, दावे में इस्तेमाल की गई फोटो वीडियो में नहीं दिखी.
मतलब साफ है, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सीमा पर कृष्णा नदी पर बने श्रीशैलम बांध की फोटो उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में बने बांध की बताकर शेयर की जा रही है. इसे शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि इसे क्षेत्र में सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए बनाया गया था. हालांकि, ये दावा गलत है ये फोटो बुंदेलखंड में बने बांध की नहीं है.
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